पौड़ी गढ़वाल में प्रत्येक ब्लॉक को मिलेगी 1 एंबुलेंस और 2 बुलेरो/जीप: डीएम
गठित होगी ग्राम पंचायत स्तरीय कोविड नियंत्रण समिति
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत ग्राम पंचायत स्तर पर ‘‘ग्राम पंचायत स्तरीय कोविड नियंत्रण समिति‘‘ बनाने के लिए आदेश जारी किये गये हैं। जिन ग्राम पंचायतों में अभी तक समिति का गठन नहीं किया गया है, शीघ्र समिति का गठन कर नियमित रूप से साप्ताहिक बैठक कराना सुनिश्वित करें। साथ ही एक रजिस्टर भी बनाना सुनिश्वित करें, जिसमें कोविड संबंधित यथा समिति गठन, सदस्यों के नाम, ग्राम पंचायत की जनसंख्या, ग्राम में कोरोना संक्रमित व्यक्ति, मेडिकल किट, कोविड सामाग्री, ग्राम पंचायत स्तर पर उपलब्ध संसाधन, रेफर किये गये मरीज, कोरोना संदिग्ध मरीज को उपलब्ध कराई गई सुविधा, रेफर किये गये मरीज, माइक्रो जोन आदि समस्त जानकारी हो। उन्होंने कहा कि जनपद के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 30-30 ऑक्सीजन बेड बना रहे हैं व दवाई उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि स्थानीय स्तर पर ही तत्काल इलाज मुहैया हो सके। प्रत्येक विकासखंड को 1 एम्बुलेंस व 2 बुलेरो/जीप भी दे रहे हैं, ताकि मरीजों को लाने-ले जाने में मदद मिल सके।
कोविड-19 संक्रमण काल में कोरोना वायरस के रोकथाम एवं बचाव हेतु ग्राम स्तरीय जनसहभागिता के लिए जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने वर्चुअल माध्यम से स्लॉट वाइज जनपद के समस्त ब्लॉकों के ग्राम प्रधानों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश। जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने समस्त बीडीओ को निर्देशित किया कि प्रत्येक ब्लॉक में एक कंट्रोल रूम बना हो, जिसका नम्बर प्रत्येक ग्राम प्रधान के पास उपलब्ध हो। प्रत्येक ग्राम पंचायत को 4-4 पल्स ऑक्सीमीटर, एन-95 मास्क, पीपीटी किट, गलब्स उपलब्ध कराये जा रहे हैं और समिति अपने स्तर से भी कोविड सामाग्री क्रय कर सकती है या मांग कर सकती है। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में जन जागरूकता पोस्टर चस्पा करना सुनिश्चित करें। कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि को जनसंख्यानुसार ग्राम पंचायतों को मुहैया कराई गई है, जिसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत को 20 हजार की धनराशि कोविड-19 के तहत खर्च करने की अनुमति दी गई है तथा आवश्यकतानुसार मांग करने पर एसडीआरएफ मद से भी धनराशि उपलब्ध करा दी जायेगी।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि ग्राम पंचायत स्तरीय कोविड नियंत्रण समिति में ग्राम प्रधान अध्यक्ष होंगे। इसके साथ ही समिति में आशा कार्यकर्ती, प्रतिनिधि महिला मंगल दल/युवा मंगल दल, वन पंचायत सरपंच, आंगनवाड़ी कार्यकर्ती, ग्राम प्रहरी, एनएसएस/नेहरू युवा केंद्र के स्वयं सेवक, ग्राम स्तरीय स्वयं सेवी संगठनों के प्रतिनिधि (वैकल्पिक), अन्य व्यक्ति जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में सदस्य सम्मिलित होंगे। समिति की जिम्मेदारी होगी कि सर्दी/जुकाम/खांसी/बुखार/बदन दर्द/स्वाद या गंध न आना/सर दर्द/शरीर टूटना/सांस लेने में दिक्कत से पीड़ित व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें उन्हीं के घरों में तत्काल आइसोलेट करना। ऐसे व्यक्तियों को मेडिकल किट तत्काल उपलब्ध कराना, कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव हेतु जागरूक करना आदि अन्य कार्य होंगे। जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा समस्त ग्राम प्रधानों को पीपीटी के माध्यम समिति द्वारा किये जाने वाले कार्यों के बारे में जानकारी दी गई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, डीपीआरओ एमएम खान सहित बीडीओ एवं ग्राम प्रधान आदि संबंधित अधिकारी वर्चुअल माध्यम उपस्थित थे।
कोरोना संक्रमित और संदिग्ध मरीज को मेडिसन किट उपलब्ध कराना आवश्यक
जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने कहा कि गांव के प्रत्येक कोरोना संक्रमित व्यक्ति एवं कोरोना लक्षण संदिग्ध मरीज को कोविड मेडिसन किट उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जनपद में एक लाख दवाई किट का आर्डर दिया गया है, जिसमें से 25 हजार दवाई किट प्राप्त हो चुकी हैं, जिन्हें समस्त विकासखंडों के ग्राम पंचायत प्रधानों को आशा व आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से गांव-गांव में वितरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके आलाव आइवरमैकटिन 12 एमजी किट भी समस्त ग्राम पंचायत हेतु 50 से 100 किट (दवाई उपयोग जानकारी पर्चा सहित) जनसंख्यानुसार दी जा रही है, जिसे 15 से अधिक आयु के व्यक्तियों को तीन दिन तक सुबह-शाम लेनी है, ताकि संक्रमण को फैलने से कम किया जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि दवाई किस तरह उपयोग में लानी है, संबंधी पोस्टर प्रत्येक ग्राम पंचायत में चस्पा करना सुनिश्चित करें, ताकि सभी पढ़कर इसका लाभ ले सके। उन्होंने निर्देशित किया कि गाइडलाइन के अनुसार ग्राम पंचायत स्तर पर क्वारनटाइन सेंटर बना लें, जिसमें बेड, बिजली, पानी व शौचालय आदि की सुव्यवस्था हो। इन क्वारनटाइन सेंटर में अन्य प्रदेश/जनपदों से आने वाले लोगों को अनिवार्य रूप 7 दिन रखना सुनिश्चित करें।