उत्तराखंड

चुनावों में राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित हों

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हल्द्वानी। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की मंगलवार को बुद्ध पार्क में हुई बैठक में राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर मंथन हुआ। आंदोलनकारियों के आश्रितों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भांति सुविधाएं एवं आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिलाने की मांग की। साथ ही पंचायत, निकाय, विधानसभा व लोकसभा चुनावों में राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित किए जाने की भी मांग उठाई। राज्य आंदोलनकारी हुकम सिंह कुंवर की अध्यक्षता एवं प्रभात ध्यानी के संचालन में हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि राज्य गठन के 24 सालों बाद भी सरकारों की ओर से शहीदों के सपनों व राज्य की अवधारणा के अनुरूप नीतियां नहीं बनाईं गईं। कहा कि विधानसभा से राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का बिल पास होने के बाद आज तक इसे राजभवन से मंजूरी नहीं मिल पाई, जबकि राज्य की धामी सरकार इसे अपनी उपब्धियों के रूप में प्रचारित कर रही है। कहा कि उत्तराखंड का निर्माण लोकतांत्रिक आंदोलन एवं शहादत के दम पर हुआ था। राज्य में धरना-प्रदर्शनों पर प्रतिबंध तथा मजदूर, किसानों, बेरोजगारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज करना चिंताजनक होने के साथ लोकतांत्रिक, संवैधानिक, मानव अधिकारों का भी हनन है। बैठक में हेमंत बगडवाल, भुवन जोशी, पान सिंह सिजवाली, इंदर सिंह मनराल, मनमोहन सिंह कनवाल, तारा सिंह बिष्ट, पान सिंह रौतेला, रईस अहमद, डॉ. बालम सिंह बिष्ट, सुशील भट्ट, हेमचंद्र पाठक, लीला बोरा, मोहन कांडपाल, डॉ. डीके जोशी, प्रकाश उत्तराखंडी, कैलाश शाह, राजेंद्र सिंह बिष्ट, उमेश बेलवाल, बृजमोहन सिजवाली, तारा सिंह बिष्ट, हीरा सिंह बिष्ट, नरेश चंद्र कांडपाल आदि मौजूद रहे।

 

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