Uncategorized

19 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

चमोली। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया गणेश पूजन के साथ शुरू हो गई हो गई है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक पंच पूजाओं के बाद 19 नवंबर को धाम के कपाट शाम तीन बजकर 35 मिनट पर विधि-विधान के साथ बंद किए जाएंगे। आपको बता दें कि आज गंगोत्री धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत पहले पंच पूजाएं होती हैं, जिनका विशेष महत्व है। इसके तहत भगवान गणेश, आदि केदारेश्वर, खडग पुस्तक और महालक्ष्मी की पूजाएं होती हैं और सबसे पहले गणेश मंदिर के कपाट बंद किए जाते हैं। बदरीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी भुवनचंद उनियाल ने बताया कि परंपरा के अनुसार बदरीनाथ के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के नेतृत्व में वेदपाठियों ने गणेश पूजन किया। कल यानी सोमवार को पूजा-अर्चना के बाद विधि-विधान से बदरीनाथ मंदिर परिसर में स्थित भगवान आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। वहीं, 17 नवंबर को खड़क पुस्तक बंद होने के बाद मंदिर में वेद वाचन भी बंद हो जाएगा। 18 नवंबर को लक्ष्मी पूजन के साथ मां लक्ष्मी को शीतकाल में भगवान बदरीनारायण के साथ गर्भ गृह में आने का न्यौता मिलेगा। फिर 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!