20 साल बाद भी नहीं बन पाया स्व. बडोनी के सपनों का उत्तराखण्ड

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तराखण्ड क्रांति दल के सदस्यों ने उत्तराखण्ड के गांधी स्व. इन्द्रमणी बडोनी की 96वीं जयन्ती के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धाजंलि दी। इस मौके पर सदस्यों ने उनके सपनों का उत्तराखण्ड बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि राज्य बनने के 20 साल बाद भी स्व0 बडोनी के सपनों के अनुरूप उत्तराखण्ड का निर्माण नहीं हो पाया है।
पदमपुर स्थित कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखण्ड आंदोलन के प्रेरणास्रोत व उत्तराखण्ड के गांधी कहे जाने वाले स्व0 बडोनी मूल रूप से टिहरी जनपद हिन्वाण पट्टी के अखोणी गांव के निवासी थे। उनका जन्म 24 दिसम्बर 1924 को हुआ था। वह 1967, 1969 व 1971 में तीन बार देवप्रयाग क्षेत्र से विधायक चुने गये। वह ग्राम प्रधान और जखोली के ब्लॉक प्रमुख भी रहे। उत्तराखण्ड क्रांति दल के जन्म होने के पश्चात 1980 में उक्राद की सदस्यता ग्रहण कर अन्तिम समय तक यूकेडी में ही बने रहे। 18 अगस्त 1999 को लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया, वह 1973 से पर्वतीय राज्य परिषद के माध्यम से पृथक राज्य के लिए सक्रिय रहे। वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन में उनकी अग्रणी भूमिका रही है। उन्होंने उत्तराखण्ड की स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अलग राज्य निर्माण का बीड़ा उठाया था। स्व. बडोनी और आंदोलनकारियों के विचारों के आधार पर क्षेत्रीय भौगोलिक दृष्टिकोण से विकास होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य बनने के बाद बीस वर्षों में जिस तरीके से राष्ट्रीय दलों द्वारा लूट खसोट, बेरोजगारी, पलायन को बढ़ावा दिया गया। बैठक में महेन्द्र सिंह रावत, भूपाल सिंह रावत विनय भट्ट, भगवती प्रसाद कंडवाल, पितृ शरण जोशी, गुलाब सिंह रावत, हरीश बहुखण्डी, दलवीर्र ंसह, राजेन्द्र सिंह, अशोक कंडारी, हयात सिंह गुसांई आदि मौजूद थे।

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