2022 में भाजपा दहाई का अंक भी नहीं छू पायेगी: मनीष
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के चार साल के कार्यकाल को निराशा व हताशा से भरा बताया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा ने देवभूमि को भ्रष्टाचार, आर्थिक तंगी व बेरोजगारी के दलदल में धकेल दिया है। जनता प्रदेश सरकार की विफलताओ का परिणाम सल्ट विधानसभा चुनाव में देगी। 2022 में भाजपा को दहाई का अंक छूना भी मुश्किल हो जाएगा।
उत्तराखंड सरकार के चार साल के कार्यकाल पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष खंडूड़ी ने कहा कि विगत चार वर्षों में प्रदेश में भ्रष्टाचार, महंगाई व बेरोजगारी चरम सीमा को छू गई। लेकिन सरकार अपने ही मद में चूर है। सरकार ने मातृशक्ति पर लाठियां भांजने जैसी निंदनीय कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नाकामी को जनता से छुपाने के लिए भाजपा ने उत्तराखंड में चेहरा बदला है, जो झलावे से ज्यादा कुछ नहीं है। गैरसैण का मुद्दा हो, युवाओं को रोजगार देने की बात हो, मातृशिक्त को सबल बनाने की बात हो, पहाड़ में जच्चा-बच्चा की सुरक्षा हर स्तर पर सरकार पूरी तरह विफल है। उन्होंने कहा कि सरकार के चार साल निराशा व हताशा के प्रतीक हैं। पांचवें साल से कोई उम्मीद नहीं है। छठवें साल में जनता इन्हें नकार देगी। जिसकी शुरुआत आगामी सल्ट विधानसभा चुनाव से हो जाएगा। 2022 में भाजपा को दहाई का अंक छूना भी मुश्किल हो जाएगा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य राजपाल बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा ने सत्ता में रहते हुए मात्र 10 वर्षों में 6 मुख्यमंत्री दिए हैं। प्रत्येक कार्यकाल में मुख्यमंत्री बदलने की परंपरा इस प्रदेश में भाजपा ने डाल दी है। जो इनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार में नित्यानंद स्वामी व कोश्यारी, 2007 से 12 में जनरल खंडूड़ी व निशंक और इस कार्यकाल में त्रिवेंद्र व तीरथ के रुप में चेहरा बदला है। उन्होंने कहा कि चेहरा बदलने से सरकार के पाप नहीं धुल पाएंगे। श्री बिष्ट ने कहा कि कांग्रेस ने 10 वर्ष के शासनकाल में मात्र तीन मुख्यमंत्री देकर स्थित सरकार दी। भाजपा ने कांग्रेस की सरकार को भी प्रलोभन देकर गिराने का काम ही किया है। एआईसीसी सदस्य राजपाल ने कहा कि चौबट्टाखाल विधान सभा क्षेत्र के विधायक व मंत्री सतपाल महाराज ने कांग्रेस सरकार द्वारा स्वीकृत क्षेत्र में पांच पेयजल योजनाओं पर रोक लगाने, दीवा रोपवे निर्माण रोकने व स्यूंसी व सतपुली झील निर्माण ठंडे बस्ते में डालने के सिवा कोई कार्य नहीं किया है।