22 से 24 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में किया जा सकता है शामिल, आठ-दस के इस्तीफे संभव
नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना काल की दूसरी लहर से निबटने के बाद और संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री का पहला मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार राजनीतिक, प्रशासनिक और कुशलता से जुड़ा एक बड़े संदेश की तरह होगा।
मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए नए चेहरों का दिल्ली पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सूत्रों, केन्द्रीय सचिवालय के अधिकारियों के अनुसार थावर चंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाए जाने के साथ ही प्रधानमंत्री ने पहला संदेश दे दिया है।
मंगलवार छह जुलाई को आठ राज्यों को राज्यपाल मिले हैं, लेकिन इन आठ चेहरों में सबसे महत्वपूर्ण चेहरा 73 साल के थावर चंद गहलोत का है। वहीं प्रधानमंत्री द्वारा अपने मंत्रिमंडल के लिए चुने जाने वाले नए चेहरों में कम उम्र के मंत्रियों की संख्या ज्यादा बताई जा रही है।
शास्त्री भवन के एक एडिशनल सेक्रेटरी से मिली जानकारी के मुताबिक उनके मंत्री पिछले 15 दिनों से लगातार सभी अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकें करके जानकारी ले रहे हैं। मंत्री पिछले कुछ दिन में खुद उनसे भी तीन बार भावी योजना में पूछ चुके हैं कि अधिकारी नया क्या करने वाले हैं।
इसी मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव ने भी बताया कि प्रधानमंत्री के साथ मंत्रिमंडल विस्तार के क्रम में पहली बैठक के साथ ही मंत्री ने यह विधा शुरू की है। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से उन्होंने कभी इस तरह से कामकाज में बहुत सक्रियता, सतर्कता नहीं दिखाई थी। खंगालने पर पता चला कि प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक (रिपोर्ट कार्ड) में मंत्री प्रधानमंत्री को बहुत संतुष्ट करने वाला नया काम या कोई नई शुरुआत नहीं बता सके थे। कहा जा रहा है कि तब से मंत्री पर कामकाज के दबाव का असर साफ देखा जा रहा है। वह पिछले 15 दिन से कुछ नया करने का भी लगातार दबाव बना रहे हैं।
यही स्थिति उद्योग भवन में भी एक मंत्रालय में देखने में आई। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री अपने सहयोगियों को दो खास संदेश देते नजर आ रहे हैं। पहला तो यह कि कामकाज में किसका रिपोर्ट कार्ड अच्छा है। दूसरा संदेश आयु को लेकर है। वह मंत्रिमंडल और सक्रिय राजनीति में बने रहने की आयु सीमा को लेकर संवेदनशील दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ एक संदेश नए चेहरों को अवसर देने का भी है।