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228 कारखानों व निर्माण स्थलों को बंद करने का नोटिस

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नई दिल्ली, एजेंसी : वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली-एनसीआर वाले राज्यों में 40 उड़न दस्तों द्वारा कारखानों और निर्माण स्थलों सहित कुल 1,534 स्थलों का निरीक्षण किया गया और 228 स्थलों को बंद करने का नोटिस जारी किया गया, जबकि उनमें से 111 को बंद कर दिया गया है ताकि वायु प्रदूषण के स्तर पर अंकुश लगाया जा सके।
चीफ जस्टिस एन.वी. रमण की अध्यक्षता वाली बेंच ने आयोग और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) राज्यों- हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान द्वारा अब तक की गई कार्रवाई के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार पर ध्यान दिया। कोर्ट ने आयोग को एक सप्ताह के भीतर निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंधों में ढील देने के अनुरोध वाले अभ्यावेदन पर निर्णय लेने की अनुमति दी।
एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में सीएक्यूएम निदेशक द्वारा दायर हलफनामे में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्यों और अन्य अधिकारियों के परामर्श से इसके द्वारा किए जा रहे अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों का विवरण दिया गया है और कहा गया है कि केंद्र ने जानकारी दी है कि बिजली की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 15 दिसंबर के बाद दिल्ली-एनसीआर के पास थर्मल पावर को बंद रखना संभव नहीं होगा।
इससे पहले, आयोग ने जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच को बताया था कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित 11 थर्मल पावर प्लांट्स में से छह 15 दिसंबर तक बंद हैं। आयोग ने बताया कि दो दिसंबर को गठित उड़न दस्ते उद्योग, निर्माण और ध्वस्त स्थलों पर गुप्त निरीक्षण / औचक निरीक्षण, वाणिज्यिक और आवासीय परिसरों की निगरानी कर रहे हैं। उसने कहा कि दिल्ली-एनसीआर राज्यों में 40 उड़न दस्तों द्वारा कारखानों और निर्माण स्थलों सहित कुल 1,534 स्थानों का निरीक्षण किया गया है और 228 स्थलों को बंद करने का नोटिस जारी किया गया, जबकि उनमें से 111 को बंद कर दिया गया है ताकि वायु प्रदूषण के स्तर पर अंकुश लगाया जा सके। आयोग ने कहा कि दिल्ली में ही ऐसे ही 68 स्थलों को बंद करने का नोटिस जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि जहां तक वाहनों से होने वाले प्रदूषण का सवाल है, दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों को छोड़कर अन्य ट्रकों के प्रवेश पर अभी भी प्रतिबंध लगा हुआ है। आयोग ने बताया कि गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले कुल 7,673 ट्रकों को दिल्ली में सभी प्रवेश बिंदुओं पर रोक दिया गया है और आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले कुल 22,873 ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है।

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