कोटद्वार के बैंकों की हड़़ताल से 25 करोड़ का व्यापार प्रभावित

Spread the love

निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ बोला हल्ला
-कहा, कुछ पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए रची जा रही है साजिश
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार यह साजिश रच रही है। शुक्रवार को कोटद्वार के करीब सभी बैंकों में काम ठप रहने केकारण 25 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हुआ।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन कोटद्वार के सभी बैंक कर्मी इंडियन बैंक के सामने एकत्रित हुए। यहां कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों ने कहा कि पहले देश में अन्न की बहुत कमी थी। अमेरिका जिस खराब गेहूं को समुद्र में फेंका करता था, उसे भारत खरीद कर देश में उसकी आपूर्ति करता था। वर्ष 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया, उसके बाद सरकार की ओर से जारी विभिन्न योजनाओं के तहत देश के किसानों को खेती करने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों से सस्ती ब्याज दरों पर ऋण दिया। जिससे देश में हरितक्रांति आई और देश अन्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन गया। इसी तरह पहले देश में उद्योग धंधे नहीं थे, राष्ट्रीयकृत बैंकों ने उद्योग लगाने के लिए ऋण दिए और आज देश चहुमुखी विकास कर रहा है। राष्ट्रीयकृत बैंकों ने समाज के उत्थान के लिए भी कार्य किए, लेकिन आज सरकार राष्ट्रीयकृत बैंकों के इन कार्यों को भूलकर इन्हें निजी हाथों में सौंपने की साजिश रच रही है।

पूंजीपतियों ने निजी बैंकों को किया दिवालिया घोषित
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पूंजीपतियों ने हमेशा ही निजी बैंकों को दिवालिया घोषित कर जनता के पैसे को लूटने का कार्य किया है। यदि इस बार भी सरकार राष्ट्रीयकृत बैंकों को पूंजीपतियों को बेचने में सफल हो जाती है तो एक बार फिर जनता का पैसा खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने आम जनता से भी सरकार की इस नीति के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। कहा कि आमजन को भी देश व बैंकों को बचाने के लिए आगे आना चाहिए।

प्रदर्शन के दौरान यह रहे मौजूद
उत्तरांचल बैंक इम्पलाइज यूनियन के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह रावत, यूएफबीयू के नगर संयोजक डीपीएस रावत, पीएनबीएस के जिला अध्यक्ष हरजीत सिंह, गोपाल तिवारी, आशीष बौड़ाई, मेघा, विक्रम सिंह, शैली भट्ट, कुलदीप चौधरी, मनमोहन सिंह, राहुल नेगी, भरत सिंह, विनोद डोबरियाल, मोहन सिंह, सुनील रावत, मोहन सिंह नेगी, मनोज भंडारी, दिनेश रावत, मानवेंद्र सिंह, नरेंद्र, प्रेम सिंह रावत, शिखा जोशी, सीमा गुप्ता, सोहन सिंह, जेपी बहुखंडी, श्रुति नेगी आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *