उत्तराखंड

शब्दों पर आयोजित संगोष्ठी में पढ़े 30 शोध-पत्र

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नई टिहरी। केंद्रीय संस्त विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर, देवप्रयाग में वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में 30 शोध-पत्र पढ़े गये। देश के विभिन्न राज्यों के उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्वानों व शोधकर्ताओं ने भाषा में शब्दों के महव और उनके परिवर्तन के तरीकों का विश्लेषण किया। श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हो गया। इस मौके पर श्लोक व्यवहार एवं संस्त शास्त्रों के अधिगम में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली की उपयोगिताश् विषय की संगोष्ठी में दस विशिष्ट व्याख्यान हुए। प्रो़बनमाली बिश्वाल, प्रो़विजयपाल शास्त्री,प्रो.गिरीश नाथ झा,प्रो़बृजेशकुमार पांडेय,प्रो़नरेंद्रप्रताप सिंह,प्रो़राखी उपाध्याय आदि ने विशिष्ट व्याख्यानों में शब्द यात्रा की गहन समीक्षा की। जबकि ड़वीरेंद्रसिंह बर्त्वाल, ड़अरविंदसिंह गौर, ड़अनिल कुमार, ड़आशुतोष तिवारी, ड़ संदीप भट्ट, ड़ज्योति शर्मा आदि ने शोध-पत्र प्रस्तुत किये। समापन की मुख्य अतिथि प्रो़ राखी उपाध्याय ने बताया कि, एक भाषा के शब्दों को दूसरी भाषा प्रभावित करती है। शब्द हमेशा संदर्भ के आधार पर अर्थ देते हैं। सारस्वत अतिथि केंद्रीय संस्त विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वृत्त अधिष्ठाता व देवप्रयाग परिसर के पूर्व निदेशक प्रो़बनमाली बिश्वाल ने कौटिल्य के अर्थशास्त्र में शब्दों के महव पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम संयोजक ड़सच्चिदानंद स्नेही ने संगोष्ठी के दो दिन का कार्यवृत्त प्रस्तुत किया। इस मौके पर प्रो़चंद्रकला आऱकोंडी , ड़सूर्यमणि भंडारी,जनार्दन सुवेदी आदि इस मौके पर उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!