दो दिन की बैंक हड़ताल से 300 करोड़ का काम प्रभावित
रुद्रपुर। दूसरे दिन भी बैंकों की हड़ताल से काम प्रभावित रहे। यहां आने वाले उपभोक्ताओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कैश से लेकर अन्य लेनदेन प्रभावित रहा। अगले दिन भी लोग बैंकों के बाहर खड़े दिखाई दिए और बैंक खुलने का इंतजार करते नजर आए। ऐसे में यहां किसी न किसी से जानकारी लेने के बाद दोबारा घरों को लौट गए। मंगलवार को बैंक कर्मियों के साथ एलआइसी कर्मी व पोस्ट अफिस के कर्मचारी हड़ताल पर रहने से गेट पर ताले जड़े रहे। खास बात यह है कि बैंक की दो दिन की हड़ताल से करीब 300 करोड़ का काम प्रभावित हुआ है। साथ ही लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
पुरानी पेंशन बहाली के साथ बैंकों के निजीकरण को लेकर रोजाना चर्चाएं शुरू हो चुकी थी। बैंकों के निजीकरण होने से कर्मचारियों की सेलेरी और अन्य चीजों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में बैंक कर्मी एक स्वर में मुखर हो गए और बैंकों के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। एलआइसी शाखा अध्यक्ष कामरेड राजवीर सिंह ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली के साथ ही फेमिली पेंशन में सुधार, श्रम कानूनों के स्थान पर लायी गई श्रम संहिताओं को रद्द करने, असंगठित क्षेत्र के लिए सामाजिक सुरक्षा उपाय लागू करना, आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाना, शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए अधिक बजट आवंटित करना आदि मांगों को लेकर हड़ताल की गई। जनता इंटर कलेज के सामने स्थित पंजाब नेशनल बैंक में भी ताले जड़े रहे। वहीं नैनीताल हाइवे पर स्थित टेलीफोन एक्सचेंज के पास मुख्य डाकघर में भी ताले जड़े हुए थे।
इधर, सुबह करीब 10 बजे से मजदूर विरोधी चारों श्रम संहिताओं व जन विरोधी नीतियों को रद्द करने जिसमें निजीकरण, सरकारी संपत्तियों को बेचने व मजदूरों के दमन पर लगाम लगाने को लेकर एक 15 यूनियन ने एक स्वर में रैली निकाली। इस दौरान रैली सिडकुल से होते हुए सीधे कलेक्ट्रेट और यहां से श्रम विभाग तक निकाली गई। इस दौरान एक ज्ञापन भी राष्ट्रपति के नाम श्रम विभाग में सौंपा। श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी ने बताया कि सभी ने नारेबाजी करते हुए पुरानी पेंशन बहाली से लेकर बजट आवंटित करने तक कई मांगे रखी। इस दौरान विपिन त्रिपाठी, उपदेश सक्सेना, राजवीर सिंह, प्रियंका ऐरवान, नैनी गोपाल, राजीव सिंघल, दीपा चंद्रा, पूनम, सरोज, राहुल, अजय आर्य आदि भी मौजूद रहे।