5 माह से नासिक के होटल में जबरन ‘कैद’ उत्तराखंड के 04 युवाओं को मुक्त कराया
मुनस्यारी। महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की पहल से नासिक में पांच माह से एक होटल में जबरन ‘कैद’ मुनस्यारी के चार युवाओं को मुक्त करा लिया गया। होटल मालिक इन युवाओं से बगैर वेतन के जबरन काम कराने के साथ ही पीटता भी था।
इन्हें बाहर निकलने और घर पर बात करने की भी इजाजत नहीं थी। मुंबई के प्रवासियों ने मामले को कोश्यारी तक पहुंचाया, जिसके बाद नासिक प्रशासन में हरकत में आया और पीड़ित युवाओं को होटल से बंधन मुक्त कराकर घर भेजा गया। मुनस्यारी से रोजगार की तलाश में नासिक पहुंचे चार युवकों की कहानी दर्द भरी है। कमजोर आर्थिक हालात के चलते नासिक के एक होटल में नौकरी कर रहे मुनस्यारी के चार युवकों रोहित बृजवाल , गौरव चिराल, प्रकाश कुंवर और दीपू तोमक्याल को एक होटल मालिक ने बंधुवा मजदूर बना लिया। लॉकडाउन के चलते चारों घर वापस लौटना चाहते थे, लेकिन होटल मालिक के सामने उनकी एक नहीं चली। उन्हें होटल से बाहर निकलने की इजाजत तक नहीं थी। उनके साथ हर रोज मारपीट भी की जाती थी। इस बीच मौका पाकर इनमें से एक युवक ने अपने परिजनों को आपबीती सुनाई तो परिवार को घटना का पता चल सका।
मुंबई के प्रवासी प्रयाग रावत ने पीड़ित गौरव की मां को महाराष्ट्र के राज्यपाल को पत्र लिखने की सलाह दी और स्वयं भी उन्हें पत्र भेजा। राज्यपाल कोश्यारी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए नासिक जिला प्रशासन को शीघ्र मामले का संज्ञान लेने के निर्देश दिए। इस पर प्रवासियों ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर चारों युवकों को होटल मालिक के चंगुल से आजाद किया। चारों युवकों ने बताया कि होटल मालिक उनसे बगैर वेतन के काम करा रहा था। वेतन मांगने पर वह उनके साथ मारपीट करता था। मामले का खुलासा होने के बाद जब पुलिस और प्रवासी होटल मालिक से मिलने पहुंचे तो उसने चारों युवकों का वेतन देने से साफ मना कर दिया। पुलिस व प्रशासन ने मामले पर गंभीर रुख दिखाते हुए चारों युवकों का वेतन दिलाया। चारों युवकों व उनके परिजनों ने सभी प्रवासियों, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी व आयकर आयुक्त नरेंद्र सिंह जंगपांगी का आभार जताया है।
मुनस्यारी पहुंच चारों युवक हुए क्वारंटाइन
मदकोट निवासी दिनेश भंडारी ने मुंबई के प्रवासी प्रयाग रावत को चारों युवकों की आपबीती सुनाकर मदद मांगी। जिसके बाद रावत ने मुंबई के आयकर आयुक्त नरेंद्र जंगपांगी और अन्य प्रवासियों से मदद मांगी और पुलिस के साथ मिलकर चारों युवकों को होटल मालिक की कैद से आजाद कराया। इस मामले में प्रवासी उद्योगपति धनश्याम भट्ट ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चारों युवक सुरक्षित मुनस्यारी पहुंच गए हैं, जिन्हें गेस्ट हाउस में क्वारंटाइन किया गया है।