75 करोड़ की लागत से बनी पेयजल योजना के बाद भी पानी नहीं मिलने पर भड़के सभासद
पिथौरागढ़। जिला मुख्यालय में सोमवार को भी पेयजल संकट बरकरार रहा। कई इलाकों में पानी नहीं आया। शीतकाल में पेयजल संकट को लेकर अब आक्रोश गहरा रहा है। नगरपालिका सभासदों ने 75 करोड़ की लागत से पेयजल योजना बनाने के बाद भी पानी नहीं मिलने पर जल महकमों को कठघरे में खड़ा किया। जिला मुख्यालय में पिछले एक पखवाड़े से पेयजल आपूर्ति बुरी तरह लड़खड़ाई हुई है। लोगों को तीसरे दिन पानी मिल रहा है। सोमवार को कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति नहीं होने से बड़ी आबादी परेशान रही। राजनैतिक दल इस मुद्दे पर जल संस्थान कार्यालय में तालाबंदी तक कर चुके हैं, इसके बाद भी व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। सोमवार को नगर पालिका के सभासदों ने पेयजल संकट को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि दो वर्ष पूर्व ही शहर के लिए 75 करोड़ की लागत से आंवलाघाट से पेयजल योजना बनाई गई है। इतनी बड़ी रकम खर्च करने के बाद भी नगर तक पानी नहीं पहुंचना जल महकमों की अक्षमता को दर्शाता है। सभासदों ने कहा कि आपूर्ति जल्द सामान्य नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरने को बाध्य होंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में अनिल माहरा, किशन खड़ायत, विजेंद्र महर, अनिल जोशी, कमल पांडे, दीपा राणा, नीरज, दीपू सौन, हेमा आदि सभासद शामिल थे। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार ने कहा है कि पर्याप्त पानी नहीं मिल पाने के कारण आपूर्ति में दिक्कत आ रही है।