उत्तराखंड

7 हजार पुरुषों के साथ रिजर्ट में काम कर रहीं 821 महिलाएं, अंकिता मर्डर केस के बाद खुली पोल

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देहरादून। अंकिता मर्डर केस के बाद चल रहे अभियानों से प्रशासन और पुलिस की सतर्कता की पोल खुल रही है। इसकी पुष्टि प्रशासन और पुलिस की संयुक्त छापेमारी के बाद सामने आई रिपोर्ट कर रही है। पता चला है कि होटल और रिजर्ट में 821 महिलाएं ऐसी हैं जो बिना सत्यापन के नियुक्त किए गए 7243 पुरुषों के साथ काम कर रही थीं। ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन और पुलिस की गंभीरता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सत्यापन नहीं होने से पुलिस को ऐसे आरोपियों को पकड़ना मुश्किल हो जाता है। इसके बाद भी कुमाऊं में 7243 कर्मचारियों का सत्यापन नहीं होना कहीं न कहीं प्रशासन और पुलिस की लापरवाही को दर्शाता है। सबसे अधिक लापरवाही नैनीताल जिले में मिली है यहां 4549 कर्मचारी, यूएसनगर 1159 संख्या के साथ दूसरे नंबर पर है। अल्मोड़ा में 579, पिथौरागढ़ में 427, बागेश्वर में 271 और चम्पावत में 258 कर्मचारी बिना सत्यापन कार्य करते मिले।
पहाड़ से रोजगार को तराई पहुंचती हैं महिलाएं
पुलिस के मुताबिक होटलों और रिजर्ट में काम करने वालों में पहाड़ की महिलाओं की संख्या भी ठीक-ठाक है। ये महिलाएं रोजगार के लिए यहां पहुंचती हैं। दूसरे शहर में अकेल रहकर टेड़छाड़ की नहीं उठा पाते अवाज

महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन गंभीर है। होटल-रिजर्ट कर्मचारियों का सत्यापन नहीं होना लापरवाही है। संबंधित थाने के प्रभारियों को शत-प्रतिशत सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। पुलिस की ओर से महिलाओं की सुरक्षा लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
ड़ निलेश आनंद भरणे, डीआईजी कुमाऊं

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