पश्चिम महाराष्ट्र में 90000 को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, भूस्खलन में अब भी दर्जनों लापता
मुंबई, एजेंसी। पिछले चार दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ग्रस्त पश्चिम महाराष्ट्र के तीन जिलों से 90000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। दूसरी ओर, गुरुवार को कई स्थानों पर हुए भूस्खलन की घटनाओं में अभी भी दर्जनों लोग लापता हैं। राहत व बचाव में लगी एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व नौसेना की टीमें उन्हें तलाश करने का काम कर रही हैं। भारी बारिश के कारण पश्चिम महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली व सातारा जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया है। सातारा जिले में स्थित हिल स्टेशन महाबलेश्वर में पिछले चार दिनों में 1,859 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है। पश्चिम महाराष्ट्र व उससे सटे कोंकण क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश हुई है। जिसके कारण इस क्षेत्र की दो प्रमुख नदियां ष्णा व कोयना उफान पर हैं। इन नदियों को जलस्तर बढ़ने से कोल्हापुर, सांगली व सातारा में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। इन जिलों के सैकड़ों गांव जलमग्न हैं।
अब तक बाढ़ग्रस्त सांगली से 42,573, कोल्हापुर से 40,882 व सातारा से 734 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। कोल्हापुर में पंचगंगा नदी के राजाराम बांध का जलस्तर कल के 56़3 फुट से कुछ नीचे आया है। लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। राज्य के जल आपूर्ति मंत्री जयंत पाटिल के अनुसार कर्नाटक ने अपने अलमाट्टी बांध से पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। इससे कोल्हापुर में बाढ़ की स्थिति में एक-दो दिन में सुधार हो सकता है। पश्चिम महाराष्ट्र से जल का बहाव कर्नाटक के अलमाट्टी बांध की ओर होता है। लोगों को बाढ़ से राहत दिलाने के लिए एनडीआरएफ की तीन और यूनिट व सेना की एक यूनिट कोल्हापुर पहुंच गई हैं। केंद्र की ओर से एनडीआरएफ की चार और टीमें कोल्हापुर पहुंच रही हैं।
दूसरी ओर, कोकण व पश्चिम महाराष्ट्र के जिलों में बुधवार एवं गुरुवार को हुई भूस्खलन की घटनाओं में अभी भी दर्जनों लोग लापता बताए जा रहे हैं। रत्नागिरी के खेड़ गांव में अभी भी 13, सातारा के आंबेघर में छह लोग एवं रायगढ़ के तलीय गांव में 41 लोग लापता हैं। भूस्खलन से तलीय गांव ही सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। यहां अब तक 41 मृतकों के शव निकाले जा चुके हैं। मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे ने शनिवार को मुख्य सचिव सीताराम कुंटे एवं कुछ अन्य मंत्रियों के साथ तलीय गांव का दौरा किया। उन्होंने गांव के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आपने एक बड़ी विपदा सही है। अब आप अपना ख्याल रखिए। बाकी सब सरकार पर छोड़ दीजिए। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक व्यक्ति का समुचित पुनर्वास हो और उसे हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। राज्य की गृहनिर्माण संस्था म्हाडा की ओर से तलीय गांव के नष्ट हुए घरों को पुन: बसाने की घोषणा की गई है। भूस्खलन की सभी घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को राज्य सरकार की तरफ से पांच लाख रुपये व केंद्र सरकार की ओर से दो लाख रुपये की सहायता पहले ही घोषित की जा चुकी है।