विभिन्न संगठनों ने की श्रीदेव सुमन को श्रद्घाजंलि अर्पित
देहरादून। स्वतंत्रता सेनानी श्रीदेव सुमन के शहादत दिवस को लोकतंत्र दिवस के रूप में मनाने को लेकर विभिन्न जन संगठनों, विपक्षी नेताओं ने जगह जगह सम्मेलन किया। दून में शहीद स्मारक में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि श्रीदेव सुमन को श्रद्घाजंलि देते हुए कहा कि इस समय श्रीदेव सुमन जैसे महानायकों के विचारों को जिंदा रखना बहुत जरूरी है। शहीद स्मारक पर आयोजित सम्मेलन में श्री देव सुमन जी को श्रद्घाजंलि देते हुए वक्ताओं ने खासतौर पर हेलंग में घसियारी महिलाओं से घास छीने जाने, लोहरी के ग्रामीणों को गांव से बेदखल करने, राज्य के शहरों में भू-माफिया की बढ़ती सक्रियता पर विचार रखे। उन्होंने लोहरी और दून के आमवाला तरला बस्ती में गरीबों को उनके घर से बेघर करने पर रोष जताया। वक्ताओं ने 2018 के भू-कानून संशोधन पर आक्रोश जताते हुए कहा कि राज्य सरकार वंचितों पर जुल्म ढा रही है। श्रम कानूनों को कमजोर कर दिया गया है। अग्निपथ योजना से लाखों युवाओं के सपनों को तोडा गया है। कुल मिला कर जनता के हकों के लिए बनाये हुए कानूनों ताकघ् पर रख दिए हैं। सम्मेलन भाकपा नेता गिरिधर पंडित के अध्यक्षता में हुआ। उत्तराखंड महिला मंच से कमला पंत, भाकपा नेशनल कौंसिल सदस्य समर भंडारी, जन संवाद समिति से सतीश धौलखंडी, अल इंडिया किसान सभा के राज्य सचिव एसएस सजवाण, कवि राजेश सकलानी, भारत ज्ञान विज्ञान समिति से कमलेश खंतवाल, सर्वोदय मंडल से बिजू नेगी, जनवादी महिला समिति से इंदु नौटियाल, राज्य आंदोलनकारी मोहन सिंह रावत, जबर सिंह पावेल, राज्य आंदोलनकारी मंच से प्रदीप कुकरेती, एसएफआई से नितिन मलेठा ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया। मौके पर राजेंद्र शाह, मुकेश उनियाल, सुनीता देवी शामिल रहे। सपा राज्य अध्यक्ष डा। एसएन सचान ने कार्यक्रम को समर्थन दिया। संचालन चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल ने किया।
राज्य भर में हुए कार्यक्रमों में भागीदारी करते हुए आंदोलनकारियों, राजनेताओं और आम नागरिकों ने चिंता व्यक्त किया कि हेलंग से लेकर लोहरी तक, देहरादून के मजदूर बस्तियों से लेकर लड़ते हुए किसानों और कर्मचारियों के अधिकारों तक राज्य सरकार लगातार लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों के मूल अधिकारों का हनन कर रही है। ऐसे कार्यक्रम देहरादून, श्रीनगर, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, चमियाला और अन्य जगहों में हुए।