उत्तराखंड

विवादित आदेशों पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने दी सफाई

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देहरादून। बीते हफ्ते धामी सरकार 2़0 की एकमात्र महिला कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य अपने दो सरकारी आदेशों के चलते खासी चर्चाओं में रहीं। वहीं, कांग्रेस ने भी इन दोनों सरकारी आदेशों को लेकर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य को जमकर घेरा। मामला बढ़ता देख अब इस मामले पर रेखा आर्य ने सफाई दी है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि मंगलवार को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के साथ कांवड़ यात्रा की जा रही है। जिसके तहत जो पत्र विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को लिखा गया है, वह एक भाव के साथ लिखा गया है, न की दबाव में। उन्होंने कहा अगर बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के लिए हम कोई अभियान चला रहे हैं तो वह सकारात्मक संदेश है। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा मुझे भी जन्म लेने का अधिकार अभियान के तहत अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके आसपास के क्षेत्र के शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए लिखा गया है। उसमें कोई दबाव की बात नहीं है। जो भी बेटी बचाने के लिए संकल्पबद्घ होना चाहता है, वह जलाभिषेक कर सकता है। जो नहीं भी करेगा उस पर कोई दबाव नहीं बनाया गया है। रेखा आर्य ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा बेटी बचाओ अभियान के तहत पूर्व में साइकिल रैली निकाली गई तब भी उन्होंने सवाल उठाया था। अब दोबारा यह सार्थक अभियान चलाया जा रहा तो विपक्ष अपनी संकीर्ण मानसिकता के साथ दोबारा परेशान है।
बता दें बीते दिनों काबीना मंत्री रेखा आर्य पहले खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को लिखे पत्र से सुर्खियों में आई थीं। उन्होंने बरेली में शिवालय की स्थापना में खाद्य विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारियों और जनपद स्तरीय अधिकारियों के मौजूद रहने का आदेश जारी किया था। जिसके बाद जब विपक्ष ने उन्हें घेरा तो उन्होंने मीडिया में बयान दिया कि किसी की कनपटी पर बंदूक रखकर आदेश नहीं दिया है। जिस पर सोमवार को रेखा आर्य ने सफाई दी कि उन्होंने मात्र आमंत्रण दिया था। अब उसे बढ़ा चढ़ा कर बताया जा रहा है, तो उसमें उनका कोई दोष नहीं है।

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