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पढ़िए: पूर्व मंत्री नेगी के बारे में क्या बोल गये वर्तमान मंत्री हरक सिंह रावत

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार के विकास के मामले में अपनी उपलब्धियों को गिनवाते हुए क्षेत्रीय विधायक एवं काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने बिना नाम लिए हुए कोटद्वार के पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी द्वारा कोटद्वार के विकास का हिसाब मांगने पर कहा कि मुझे अभी कोटद्वार में मात्र तीन साल हुए है, जबकि उन्हें यहां वर्षों से विधायक रहते हुए मुझसे हिसाब कैसे मांग सकते है। बावजूद इसके मेरे द्वारा तीन साल में कोटद्वार का जो विकास किया गया है और किया जायेगा वह कोटद्वार के जीवन भर साथ चलने वाला है। डॉ. हरर्क ंसह रावत ने कहा कि मैंने इन तीन सालों में कोटद्वार बेस अस्पताल में पहली बार दो फिजीशियन, दो रेडियोलॉजिस्ट व दो पैथोलॉजिस्ट व तीन बेहोशी के डॉक्टरों की नियुक्त की है। जो पौड़ी जिले के इतिहास में पहली बार हुआ है। ऐसा मेरे पर आरोप लगाने वाले खुद स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए नहीं कर पाये थे। इसी के साथ इन्होंंने स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए केवल बॉउण्ड्री वाल के लिए दो करोड़ रूपये खर्च किये, जो अब दिखाई भी नहीं दे रही है। और मैंने तीन साल में ही पचास करोड़ रूपये आवंटित कर दिये है। इसी के साथ डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि इनकी छोटी मानसिकता का इससे बड़ा क्या प्रमाण हो सकता है कि नगर निगम में रहते हुए कूड़ा निस्तारण के लिए ट्रेचिंग ग्राउण्ड की भूमि के लिए मुझे अभी तक दो लाइन का प्रस्ताव भी नहीं मिला है। भगवान जाने ये किस से ट्रेचिंग ग्राउण्ड के लिए जमीन मांग रहे है।
2022 विधानसभा चुनाव से पहले कोटद्वार मेडिकल कॉलेज में प्रिसिंपल और फैकल्टी की होगी तैनात
प्रेस को संबोधित करते हुए काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने प्रदेश सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में लोकसभा, पंचायत और निकाय चुनाव की आचार संहिता के कारण विकास कार्यों में तेजी नहीं आ सकी। सरकार के पास काम करने के लिए दो साल थे, लेकिन कोरोना महामारी ने फिर से विकास कार्यों को अवरूद्ध किया। उन्होंने कहा कि सरकार अब तेजी से विकास कार्यों पर ध्यान केन्द्रित करेगी। विकास की गति को बढ़ाया जायेगा। कोटद्वार विधानसभा में पिछले तीन साल में राज्य योजना के तहत सीसी मार्गों के लिए 35 करोड़ रूपये स्वीकृत किये है, जबकि जिला योजना के तहत सड़कों के लिए 45 करोड़ रूपये स्वीकृत किये है। बरसात के बाद सड़कों का निर्माण कार्य शुरू कराया जायेगा। मंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के होते है उन्हें दूसरों के घर पर पत्थर नहीं उछालने चाहिए। पूर्व मंत्री मेडिकल कॉलेज के नाम पर पांच साल में केवल चार दीवारी ही बना पाये। जबकि उनके पास स्वास्थ्य मंत्रालय था। इसके बावजूद भी वह मेडिकल कॉलेज का निर्माण नहीं करा पाये। उन्होंने कहा कि सरकार ने मेडिकल कॉलेज के मानकों में सिथलीकरण को लेकर केन्द्र सरकार को पत्र भेजा है। पत्र में बताया गया है कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज का लाभ पौड़ी जनपद की जनता को बहुत अधिक नहीं मिलता है, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज का लाभ रूद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी जिले के साथ पौड़ी जिले के कोट और खिर्सू ब्लॉक की जनता को मिलता है। इसलिए कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का निर्माण आवश्यक है। कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का लाभ कोटद्वार की ढाई लाख की आबादी के साथ ही पौड़ी जिले के दुगड्डा, जयरीखाल, द्वारीखाल, रिखणीखाल, एकेश्वर, पोखड़ा के अलावा उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कोटद्वार विधानसभा में मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए आवश्यकता पड़ने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी वार्ता की जायेगी। डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि कोटद्वार विधानसभा में 600 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेज बनाया जायेगा। सरकार ने इसके लिए 50 करोड़ रूपये स्वीकृत कर 20 करोड़ रूपये कार्यदायी संस्था के खाते में ट्रास्फर कर दिये है। 23 एकड़ भूमि मेडिकल कॉलेज के लिए हस्तान्तरित कर दी गई है। जबकि 10 एकड़ भूमि ईएसएसआई को हॉस्पीटल बनाने के लिए दी गई है। ईएसआई तीन सौ बेड का हास्पीटल बनायेगी। सरकार कोटद्वार विधानसभा में मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अक्टूबर तक मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा। उन्होंने कहा कि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले कोटद्वार मेडिकल कॉलेज में प्रिसिंपल और फैकल्टी की तैनात की जायेगी। राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार में भी पचास बेड बढ़ाये जायेगें।

इस मौके पर वन मंत्री के पीआरओ विनोद रावत, सीपी नैथानी, भाजपा नगर अध्यक्ष सुनील गोयल, भाबर मंडल अध्यक्ष चन्द्रमोहन जसोला, जिला कोषाध्यक्ष गोविन्द लड्डा, पंकज भाटिया आदि उपस्थित रहे।

लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग पर अक्टूबर में शुरू होगा काम
स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के काबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग के लिए सरकार ने 11 करोड़ रूपये स्वीकृत किये थे। जिसमें से साढ़े पांच करोड़ रूपये मार्ग निर्माण में अब तक खर्च हो चुके है। लेकिन वन कानूनों के कारण इस मार्ग निर्माण पर रोक लग गई थी। सरकार ने इस मार्ग के निर्माण में सिथलीकरण की मांग को लेकर केन्द्र सरकार को पत्र भेजा था। इस मार्ग पर दो पुल बनाये जाने है जिनका डिजायन पूर्व पुलों की भांति है। इन पुलों के निर्माण की सैद्धान्तिक स्वीकृति मिल गई है। अक्टूबर-नवम्बर माह के प्रथम सप्ताह से इस मार्ग पर निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इस मार्ग के निर्माण से कोटद्वार का चहुंमुखी विकास होगा। कोटद्वार के विकास में यह मार्ग मील का पत्थर साबित होगा।

मालन नदी में पुल निर्माण को 19 लाख स्वीकृत
काबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि मवाकोट को कलालघाटी से जोड़ने के लिए पुल निर्माण के लिए 19 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये है। इस पुल निर्माण का लाभ मेडिकल कॉलेज को भी मिलेगा। क्योंकि मेडिकल कॉलेज से बेस अस्पताल कोटद्वार की दूरी इस पुल के बनने से बहुत ही कम हो जायेगी। उन्होंने कहा कि कोल्हूचौड़ नदी में भी पुल निर्माण के लिए प्रथम फेज में धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। द्वितीय फेज के लिए शासन को अभी स्टीमेट नहीं मिला है। स्टीमेट मिलते ही इसे भी मंजूरी दी जायेगी। मंत्री ने कहा कि नदियों में खनन के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए एक करोड़ रूपये दिये गये है।

खोह नदी किनारे बनेगी सुरक्षा दीवार/मरीन ड्राइव
काबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि सिद्धबली मंदिर से ग्रास्टनगंज और गिवई स्रोत तक खोह नदी के दोनों किनारे साढ़े तीन करोड़ की लागत से करीब 30 फुट चौड़ी सुरक्षा दीवार/मरीन ड्राइव बनायी जायेगी। इसका निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। प्रथम चरण में इसके लिए एक करोड़ रूपये स्वीकृत कर दिये है। उन्होंने कहा कि मरीज ड्राइव के निर्माण से जहां खोह नदी में बाढ़ आने से कटाव कम होगा, वहीं लोगों को टहलने के लिए भी पर्याप्त जगह मिलेगी। वर्तमान में लोग राष्ट्रीय राजमार्ग 534 पर सुबह और सांय के समय टहलने के लिए जाते है। इस दौरान वाहनों की आवाजाही से जहां दुर्घटना का खतरा रहता है, वहीं वाहनों की आवाजाही के दौरान निकलने वाले कण और गैस मनुष्य के फेफड़ों में प्रवेश कर जाते है।

पानी की किल्लत से मिली निजात
काबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि नये टयूबवेल व पुराने टयूबवेल को इंटरलिंक करने के लिए जिला पंचायत से जल संस्थान को पूर्व में पचास लाख रूपये दिये है। कोटद्वार विधानसभा में पानी की किल्लत को देखते हुए सभी टयूबवेल को इंटरलिंक करने की योजना बनाई गई, जिस कारण अब पानी की किल्लत नहीं होती है। अगर कोई टयूबवेल खराब हो भी जाता है तो उसे दूसरे टयूबवेल से कंनेक्ट कर पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी जाती है। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में कोटद्वार विधानसभा में पानी की बहुत किल्लत थी। गर्मी का मौसम शुरू होते ही कोटद्वार में पानी का संकट उत्पन्न हो जाता है, लेकिन वर्तमान सरकार की योजना से कोटद्वार में पिछले दो साल से पानी की किल्लत नहीं हो रही है।

विद्युत विभाग में मास्टर प्लान के तहत किया कार्य
काबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि विद्युत विभाग में मास्टर प्लान के तहत कार्य करवाया गया। पूर्व में सड़क के बीचों बीच में बिजली के खंबे और ट्रांसफार्मर होने से जहां यातायात बाधित होता था, वहीं दुर्घटना का भी खतरा बना रहता था। जनहित में इसके लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया। इसके लिए उन्होंने विद्युत विभाग को डेढ़ करोड़ रूपये दिये। उक्त धनराशि से विद्युत विभाग ने सड़क के बीचों बीच में खड़े बिजली के खंबे और ट्रांसफार्मर को हटाया। साथ ही सड़क को चौड़ी करवाया। उन्होंने कहा कि कोटद्वार विधानसभा में अब विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं होती है। जबकि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में कोटद्वार विधानसभा में प्रतिदिन घंटों विद्युत आपूर्ति ठप रहती थी।

नगर निगम बनाने के दूरगामी फायदें है
काबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि नगर निगम बनाने के दूरगामी फायदे है। नगर निगम कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था करने में नाकाम रहा है। जबकि निगम का पहला कर्तव्य कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था करना है। उन्होंने कहा कि नगर निगम गठन से अब तक उनके पास निगम की ओर से टे्रचिंग ग्राउण्ड को लेकर कोई पत्र नहीं आया है। हो सकता है कि मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री को पत्र भेजा गया हो। मंत्री ने कहा कि वह अभी तक प्रदेश में 62 निकायों को भूमि दिलवा चुके है, लेकिन दुर्भाग्य है कि अभी तक कोटद्वार नगर निगम को भूमि उपलब्ध नहीं करा पाये है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर कोटद्वार में कूड़े का निस्तारण किया जायेगा। कोटद्वार में छत्तीसगढ़ का विशेष मॉडल सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट लागू होगा। इसे पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड का निदेशालय देखेगा। यह मॉडल छत्तीसगढ़ मॉडल पर आधारित होगा, इसमें भूमि सिडकुल से ली जायेगी। जिसके लिए सचिव राजस्व कैबिनेट में प्रस्ताव लायेंगे। इसके लिए शहरी विकास और सचिव उद्योग अपना प्रस्ताव भेजेंगे। इसके अतिरिक्त एमएनए कोटद्वार की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी गयी है, जिसमें प्रदूषण बोर्ड का एक अधिकारी और शहरी विकास विभाग का एक अधिकारी रहेंगे, जो प्रतिदिन के आधार पर इस मॉडल की मानिटरिंग करेंगे।

पाखरो गेट खोलने को बताया उपलब्धि
काबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में आवाजाही के लिए कोटद्वार से पाखरो गेट खोलने को सरकार की उपलब्धि बताया। पाखरो गेट खुलने से कोटद्वार का विकास होगा। साथ ही युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि 15 साल से बंद पड़े ढिकाला जाने वाले मार्ग को रथुवाढाव से खुलवाया। अब पर्यटक कोटद्वार के रास्ते भी ढिकाला जा सकते है। पहले रामनगर से होकर पर्यटक ढिकाला जाते थे। इस मार्ग की मरम्मत कराने में 70-75 लाख रूपये खर्च किये है। पाखरो में झील और विल्ला निर्माण के लिए कॉबेट फाउण्डेशन की ओर से पचास-पचास लाख की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि कोल्हूचौड़ में जिला योजना योजना से चार कॉर्टेज बना रहे है। इसके लिए 60 लाख रूपये स्वीकृत कर दिये गये है।

पाखरो में टाइगर सफारी को मिली सैद्धान्तिक मंजूरी
काबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि पाखरो में टाइगर सफारी को सैद्धांन्तिक मंजूरी मिल गई है। टाइगर सफाई के लिए कॉबेट फाउंडेशन से पचास लाख की स्वीकृति दी गई है। इसके आलावा पाखरो में म्यूजियम बनाने के लिए कॉबेट फाउंडेशन से पचास लाख स्वीकृत किये गये है। म्यूजियम जुलाई 2021 से पहले बनकर तैयार हो जायेगा। उन्होंने बताया कि कोटद्वार विधानसभा में रेस्क्यू सेंटर/जू के लिए 2 करोड़, कण्वाश्रम में टूरिस्ट बंगले के लिए जिला पंचायत से दो करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये है। जिसमें 67 लाख रूपये जारी कर दिये है।

नमामि गंगे के तहत सनेह में बनेगी झील
काबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि सनेह में इको पार्क बनाने का काम जारी है। इससे नक्षत्र वाटिका और हर्बल गार्डन को भी जोड़ा जायेगा। इसके अलावा सनेह में नमामि गंगे के तहत झील बनाई जायेगी। ईको पार्क और झील निर्माण के लिए भारत सरकार दो करोड़ और प्रदेश सरकार तीन करोड़ रूपये देगी। इको पार्क में योगा के लिए व्यवस्था की जायेगी।

बेस अस्पताल को दी एम्बुलेंस
काबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने शनिवार को राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार को 16.25 लाख की लागत की आधुनिक एम्बुलेंस विधायक निधि से दी। उन्होंने हरी झण्डी दिखाकर एंबुलेंस को रवाना किया। उन्होंने कहा कि बेस अस्पताल शुरू होने के बाद पहली बार अस्पताल में 19 विशेषज्ञ डॉक्टर सहित 38 डॉक्टर वर्तमान में कार्यरत है। जहां पहले श्रीनगर, पौड़ी, कोटद्वार में एक बेहोशी का डॉक्टर होता था, वहीं वर्तमान में कोटद्वार बेस अस्पताल में तीन बेहोशी के डॉक्टर कार्यरत है। इसके अलावा दो पैथोलॉजिस्टि, तीन आर्थों, दो रेडियोलॉजिस्टि है। उन्होंने कहा कि अभी एक स्कीन, एक कार्डियोलाजिस्ट और एक गायनी सुपर स्पेस्लिस्ट की तैनाती की जायेगी। इस मौके पर वन मंत्री के पीआरओ विनोद रावत, सीपी नैथानी, भाजपा नगर अध्यक्ष सुनील गोयल, भाबर मंडल अध्यक्ष चन्द्रमोहन जसोला, जिला कोषाध्यक्ष गोविन्द लड्डा, पंकज भाटिया, बेस अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. वीसी काला, मैनेजर बीएस रावत आदि उपस्थित रहे।

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