कोटद्वार-पौड़ी

राइंका न्यूली का भवन जीर्ण-शीर्ण, कभी भी हो सकता है हादसा

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

जयन्त प्रतिनिधि।
श्रीनगर : कीर्तिनगर ब्लॉक के राइंका न्यूली के जीर्ण-शीर्ण भवनों की सुध न लिए जाने पर स्थानीय लोगों में भारी रोष है। लोगों का कहना है कि वर्षों पुराने भवनों की छत व दीवारें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जिससे हर समय खतरे का भय बना रहता है। सरकार व विभागीय उपेक्षा के कारण छात्र-छात्राओं को जान हथेली पर रखकर जीर्ण-शीर्ण कमरों में बैठने के लिए विवश होना पड़ रहा है।
ग्राम प्रधान संजय देव डंगवाल का कहना है कि विभागीय अधिकारियों व शासन-प्रशासन को इस संदर्भ में कई बार के प्रस्ताव दिए जा चुके हैं। बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। उन्होंने कहा कि अभिभावक शिक्षक संघ की बैठकों में भी हर बार यह मुद्दा प्रमुखता से उठता है। बार-बार की जा रही इस उपेक्षा से नौनिहालों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है। विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मोहित मैठाणी का कहना है कि विद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिए पर्याप्त सुविधाएं देने की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई बार जीर्ण-शीर्ण भवनों के स्थान पर नए भवन बनाए जाने की मांग कर दी गई है। स्थानीय निवासी रतनमणि डोभाल का कहना है कि विद्यालय के भवनों की छतें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय की इतनी उपेक्षा हो रही है कि परिसर में 2002 में बने एक कमरे की आज तक छत नहीं पड़ पाई है। जिससे इस पर खर्च किए गए बजट का लाभ भी नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में क्षेत्रीय विधायक विनोद कंडारी से वार्ता हुई है। जिसमें उन्होंने भवन निर्माण के संदर्भ में उचित कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!