आफत की बरसात: भरभराकर गिरा मलबा़.. गंगोत्री हाईवे बंद, मलबे में दबकर महिला की मौत
देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रह बारिश मुसीबत बनती जा रही है। भूस्खलन से गंगोत्री हाईवे सहित प्रदेश के कई जिलों में सड़कें बंद हो गईं हैं। बरसात के बाद गंगा सहित अन्य नदियों का जलस्तर भी बढ़ा है। उत्तरकाशी जिले में में हो रही बारिश के कारण चिन्यालीसौड़ कुमराडा गांव के मुंडारा नामे तोक में गत देर रात्रि को एक आवासीय मकान क्षतिग्रस्त हो गया। आवासीय मकान के मलबे में दबने से एक महिला की मौत हो गई।
बीते बुधवार रात को चिन्यालीसौड़ क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कुमराड़ा गांव के मुंडरा नामे तोक में पत्थर से बना एक मंजिला मकान क्षतिग्रस्त हो गया। आवासीय मकान के मलबे में दबने से गांव की भट्टू देवी (60) पत्नी जुरूलाल की मौत हो गई। आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि मलबे में दबने से एक महिला की मौत हुई है। महिला के शव को मलबे से निकाला जा रहा है। महिला के परिजनों को सरकारी मानकों के अनुसार प्रतिकर दिया जाएगा।
उत्तराखंड में बारिश के बाद भूस्खलन से गई सड़कें बंद हो गईं हैं। गंगोत्री हाईवे पर भटवाड़ी से आगे हेलगूगाड़ के पास बुधवार शाम से भूस्खलन होने के कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित है। जिससे गंगोत्री धाम की यात्रा बाधित हो गई है। जिला प्रशासन की ओर से गंगोत्री जाने वाले तीर्थ यात्रियों को जिला मुख्यालय, हीना व भटवाड़ी में ही रोका गया है।
गुरूवार को समाचार लिखे जाने तक मार्ग सुचारू नही हो पाया। जिससे यात्रा पूरी तरह ठप रही। भटवाड़ी से आगे हेलगूगाड़ जोन लगातार नासूर बन रहा है। आए दिन बारिश के कारण इस स्थान पर मार्ग बंद होने से गंगोत्री धाम की यात्रा प्रभावित हो रही है। एक सप्ताह भर से यह सिलसिला जारी है। बुधवार सांय को भारी भूस्खलन के कारण गंगोत्री हाईवे बाधित हो गया था।
जो 20 घंटे बाद भी सुचारू नही हो पाया है। लागातार हो रहे भूस्खलन के कारण बीआरओ भी मार्ग खोलने में सक्षम नही है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि बीआरओ की जेसीबी मौके पर पहुंची है। पहाड़ी से भूस्खलन रूकते ही मार्ग खोलने की कार्यवाही शुरू कर दी जायेगी। यात्री वाहनों को जिला मुख्यालय, भटवाड़ी और गंगनानी में रोका गया है।
बारिश के बाद गंगा सहित अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। प्रशासन ने गंगा का जलस्तर बढ़ने पर राफ्टिंग पर रोक लगा दी गई है। गुरुवार को राफ्ट गंगा में नहीं उतारी गई, जिससे पर्यटको को निराश होकर लौटना पड़ा। इससे पहले 16 सितंबर से 20 सितंबर तक 5 दिन गंगा में राफ्टिंग बंद रही थी। प्रशासन ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने को नदियों के किनारे अतिरिक्त पुलिस बल और रेस्क्यू टीम को तैनात किया है।