यात्रा के पहले चरण में बद्रीनाथ पहुंची पवित्र छड़ी
हरिद्वार। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े द्वारा उत्तराखंड की भ्रमण यात्रा का प्रथम चरण बुधवार को बद्रीनाथ धाम के दर्शन के साथ ही संपन्न हुआ। गढ़वाल मंडल की यात्रा के अंतिम दौर में बुधवार को पवित्र छड़ी जोशीमठ से बद्रीनाथ धाम पहुंची। इससे पूर्व पवित्र छड़ी ने जोशीमठ में नगर परिक्रमा की और भगवान नरसिंह के मंदिर में पूजा अर्चना की। नगर भ्रमण के दौरान स्थानीय नागरिकों, व्यापारियों ने पवित्र छड़ी का स्वागत किया। पवित्र छड़ी ने अक्षय वट, आद्य शंकराचार्य की तपस्थली पावन गुफा के भी दर्शन किए। जोशीमठ में रात्रि विश्राम के पश्चात पवित्र छड़ी के प्रमुख महंत श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज, जगतगुरु शंकराचार्य सुमेश सुमेरु पीठाधीश्वर नरेंद्रानंद सरस्वती श्रीमंहत शिवदत्त गिरी, श्रीमहंत पुष्कर राज गिरी, श्रीमहंत विशंभर भारती, श्रीमहंत पशुपति गिरी, श्रीमहंत शंभू पुरी, महंत आदित्य गिरि, महंत रतन गिरी, महंत वशिष्ट गिरी आदि पवित्र छड़ी लेकर बद्रीनाथ बद्रीनाथ पहुंचे। जहां बैरागी अखाड़े के श्रीमहंत बालक दास के परम शिष्य मनोज त्यागी, प्रेमदास के साथ एसडीएम कुमकुम जोशी, तहसीलदार राकेश, कानूनगो देवेंद्र नेगी, सेक्टर अधिकारी ओम प्रकाश गोस्वामी आदि ने स्वागत किया। बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल व तीर्थ पुरोहितों ने पवित्र छड़ी का स्वागत करते हुए सभी नागा संन्यासियों को अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। धर्माधिकारी उनियाल के सानिध्य में भगवान बद्रीनाथ की विशेष पूजा अर्चना की गई तथा भगवान बद्री का पवित्र छड़ी में आह्वान किया गया। श्रीमहंत प्रेम गिरी ने पवित्र छड़ी के भ्रमण का उद्देश्य बताते हुए कहा कि छवि के माध्यम से जहां राष्ट्र में सुख समृद्घि शांति और उतराखंड के विकास के लिए सभी देवी देवताओं से प्रार्थना की जा रही है। वहीं उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने की कामना भी की जा रही है। उत्तराखंड से पलायन रोकने, उपेक्षित पौराणिक तीर्थ स्थलों का जीर्णोद्घार करने तथा प्रदेश की खुशहाली के लिए स्थानीय नागरिकों को जागृत करने का भी प्रयास यात्रा के माध्यम से किया जा रहा है। बद्रीनाथ धाम में दर्शनों के पश्चात पवित्र छड़ी ने बृहस्पतिवार को नटी गांव स्थित मां नंदा देवी व श्री यंत्र के दर्शन किए तथा पूजा अर्चना की। मंदिर के प्रमुख पुजारी राजेश सैनी व ग्रामीणों ने पवित्र छड़ी का स्वागत किया।