सरकार को गुमराह कर रही नर्स एसोसिएशन : फार्मासिस्ट एसोसिएशन
हल्द्वानी। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड ने नर्सेज एसोसिएशन की ओर से फार्मासिस्टों के वेतनमान पर की गई टिप्पणी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। रविवार को जारी बयान में संगठन के प्रदेश महामंत्री पवन पांडेय ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं में फार्मासिस्ट नर्सों के मुकाबले ज्यादा काम करते हैं, पर नर्सेज एसोसिएशन सरकार को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, राजकीय एलोपैथिक डिस्पेंसरीज सहित अन्य चिकित्सा इकाइयों में नर्स के पद नहीं होते हैं। वहां पर समस्त कार्य फार्मासिस्ट करते हैं। राज्य के केवल बड़े अस्पतालों के इंडोर कार्य में ही नर्स से काम लिया जाता है। ओपीडी और इमरजेंसी जैसे महत्वपूर्ण कार्य केवल फार्मासिस्ट ही संभालते हैं। यहां तक कि बड़े चिकित्सालयों की इमरजेंसी यूनिट में भर्ती होने वाले रोगियों को इंजेक्शन, ड्रिप लगाना आदि कार्य भी फार्मासिस्ट करते हैं। राज्य के दूरदराज के चिकित्सक विहीन अस्पतालों और उपकेंद्रों में फार्मासिस्ट ही रोगियों का उपचार कर रहे हैं। इसके बावजूद फार्मासिस्टों का वेतनमान नर्सेज से कम है। फार्मासिस्ट की नियुक्ति 4200 ग्रेड वेतन पर होती है, जबकि नर्सेज की नियुक्ति 4600 ग्रेड वेतन पर होती है। फिर भी नर्सेज फार्मासिस्ट का वेतनमान खुद से ज्यादा बताकर शासन को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं। इसका फार्मासिस्ट संघ कड़ा विरोध करता है। संगठन ने तय किया है कि यदि नर्सेज ने फार्मासिस्टों को आधार बनाकर किसी प्रकार का दबाव बनाने की कोशिश की तो संगठन आंदोलन को बाध्य होगा।