सेना प्रमुख की नियुक्ति पर बिलावल भुट्टो ने दी चेतावनी, कहा- राष्ट्रपति ने दखल दिया तो परिणाम भुगतने होंगे
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान में नए सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर अटकलें जारी हैं। इस बीच, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने स्पष्ट किया है कि देश केवल प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा नियुक्त सेना प्रमुख को स्वीकार करेगा। केवल उन्हीं के पास इसकी संवैधानिक शक्ति है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने दखल की कोशिश की तो इसके परिणाम भुगतने होंगे।
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, बिलावल ने कहा कि राष्ट्रपति के पास संविधान को बरकरार रखते हुए सही पक्ष में खड़े रहने का आखिरी मौका है, लेकिन अगर उन्होंने प्रधानमंत्री के अधिकार को अवरुद्घ करने की कोशिश की तो इसके परिणाम भुगतने होंगे। बिलावल ने यह बात इस सवाल के जवाब में कही कि क्या राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने सेना प्रमुख की नियुक्ति के संबंध में प्रधानमंत्री द्वारा जारी प्रक्रिया को रोक दिया है। बिलावल ने कहा कि देखना होगा कि वह संविधान का पालन करते हैं या अपने मित्र के प्रति वफादारी दिखाते हैं। उल्लेखनीय है कि मौजूदा सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
अप्रैल में सत्ता में आने के बाद शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने पहली बार इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के साथ संवाद की पहल की है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से मुलाकार कर राजनीतिक मुद्दे को सुलझाने की अपील की।
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा है कि उनका संदेश वह पीटीआइ नेतृत्व तक पहुंचा देंगे। वित्त मंत्री ने तीन दिनों में राष्ट्रपति अल्वी से दो बार मुलाकात की। वहीं, इस पर पूटे जाने पर पीटीआइ ने भी इसमें रुचि दिखाई है। वह चाहती है कि जल्द से जल्द आम चुनाव की तिथि घोषित कर दी जाए।
वित्त मंत्री की पहल के विपरीत शहबाज सरकार की दूसरी मंत्री मरयम औरंगजेब ने इमरान पर तंज कसा है। पाकिस्तान की सूचना एवं संचार मंत्री मरयम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का तमाशा 26 नवंबर को खत्म हो जाएगा। वह इमरान द्वारा अपने समर्थकों को 26 नवंबर को रावलपिंडी में पहुंचने के आह्वान की ओर इशारा कर रही थीं।