स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली पोल, बस में गूंजी शिशु की किलकारी
नैनीडांडा सौ किलोमीटर दूर कोटद्वार बेस चिकित्सालय अल्ट्रासाउंड को आ रही थी गर्भवती
नैनीडांडा से कोटद्वार आते समय जीएमओयू की बस में महिला सवारियों ने करवाया गया प्रसव
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: भले ही प्रदेश सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे कर रही हो। लेकिन, धरातल की हकीकत यह है कि आज भी ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है। इसका एक उदाहरण उस समय देखने को मिला जब नैनीडांडा से कोटद्वार अल्ट्रासाउंड को आ रही एक महिला का जीएमओयू की बस में ही प्रसव हो गया। हालांकि, जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं। लेकिन, बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाएं उनके जीवन पर भारी पड़ सकती थी।
नैनीडांडा के ग्राम गोदल ताल निवासी प्रेम सिंह अपनी पत्नी को मंगलवार सुबह प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य नैनीडांडा लेकर पहुंचे थे। वहां तैनात स्टाफ नर्स ने महिला की जांच करते हुए पेट में बच्चे का उल्टा होना बताया और गर्भवती का अल्ट्रासाउंड करवाने को कहा। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रेम सिंह अपनी पत्नी को जीएमओयू की बस से करीब सौ किलोमीटर दूर कोटद्वार बेस अस्पताल लेकर आ रहे थे। जैसे ही बस सिद्धबली से करीब आधा किलोमीटर आगे गिवईस्रोत तिराहे पर पहुंची महिला को तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। चालक ने वाहन को सड़क किनारे खड़ा किया और पुरुष सवारियों को नीचे उतार दिया। बस में मौजूद महिला सवारियों ने गर्भवती को बस की पीछे वाली सीट पर लेटाया और इसकी सूचना आपातकाली सेवा 108 को दी। 108 महिला कर्मी ने बताया कि उनके मौके पर पहुंचने से पहले ही महिला का प्रसव हो चुका था। ऐसे में उन्होंने महिला व शिशु को तुरंत ऑक्सीजन लगाई और उन्हें लेकर राजकीय बेस चिकित्सालय कोटद्वार पहुंच गए। वहीं, चिकित्सकों ने बताया कि महिला व शिशु पूरी तरह सुरक्षित है। दोनों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।