सीएम सुक्खू बोले- हिमाचल कांग्रेस में अंदरूनी कलह नहीं, संघर्ष मुख्यमंत्री पद के लिए था
शिमला/दिल्ली, एजेंसी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के भीतर कोई अंतर्कलह नहीं है और संघर्ष केवल मुख्यमंत्री पद के लिए था क्योंकि तीन से चार दावेदार थे। अगर कुछ गलत होता तो प्रदेश में राजस्थान जैसी स्थिति होती। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य में कांग्रेस का कोई भी विधायक भाजपा में नहीं जाएगा और पार्टी की सरकार लोगों के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्घ है। कांग्रेस पहली कैबिनेट बैठक में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के वादे को पूरा करेगी। समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में सुक्खू ने कहा कि हमने वित्त सचिव से बात की है। एक रणनीति के तहत हम जानते हैं कि हमें कहां से पैसा लाना है और कहां निवेश करना है। पुरानी पेंशन योजना शुरू करने पर काम किया है और इसे पहली कैबिनेट बैठक में पेश करेंगे।
मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में पूटे जाने पर उन्होंने कहा कि यह जल्द ही होगा। उन्होंने कुछ विधायकों की ओर से मंत्री पद के लिए पैरवी करने की खबरों का खंडन किया। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई में अंदरूनी कलह की खबरों को खारिज किया, लेकिन स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री पद के लिए होड़ मची हुई थी। सुक्खू ने कहा- तकरार पद के लिए थी, यह पार्टी की कलह नहीं है। तीन-चार लोग मुख्यमंत्री पद पर काबिज होने को तैयार थे। आप देख सकते हैं कि अब तक हमने कैबिनेट विस्तार नहीं किया है, अगर कुछ गलत होता तो राजस्थान जैसी स्थिति हो जाती। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को 2020 में उनके तत्कालीन डिप्टी और राज्य पार्टी अध्यक्ष सचिन पायलट और कुछ अन्य विधायकों की ओर से बगावत का सामना करना पड़ा था। सुक्खू ने विपक्षी भाजपा पर इन खबरों को लेकर निशाना साधा कि कांग्रेस के कुछ विधायक उससे हाथ मिला सकते हैं। उन्होंने कहा, कि कांग्रेस का कोई सदस्य पार्टी नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने भाजपा के कुशासन के खिलाफ मतदान किया।
उन्होंने कहा कि देश बेरोजगारी और महंगाई जैसे विभिन्न मुद्दों का सामना कर रहा है, लेकिन भाजपा राहुल गांधी के भाषण का मजाक बनाने सहित विभिन्न हथकंडों का इस्तेमाल कर लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दे से हटाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा की सराहना की और कहा कि पैदल मार्च का उद्देश्य लोगों को एकजुट करना और धर्म और जाति के नाम पर समाज में फैलाई जा रही नफरत को दूर करना है। सुक्खू ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी की जीत का श्रेय दिया और प्रभावी प्रचार रणनीति तैयार करने के लिए पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार लोगों के कल्याण के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्घ है और विधानसभा चुनाव से पहले लोगों से की गई 10 गारंटियों को पूरा करेगी। विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली, 300 यूनिट मुफ्त बिजली, 680 करोड़ रुपये का स्टार्टअप फंड, एक लाख नौकरियां, 18 से 60 साल आयु की महिलाओं के लिए 1,500 रुपये प्रति माह, मोबाइल क्लीनिक के माध्यम से हर गांव में मुफ्त इलाज जैसे 10 वादे किए थे। बता दें पहाड़ी राज्य हिमाचल में 68 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें जीतकर कांग्रेस ने भाजपा से सत्ता छीन ली। इसके बाद पार्टी ने राज्य पार्टी प्रमुख प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री सहित सहित कुछ अन्य दावेदारों के मुकाबले 58 वर्षीय सुक्खू को मुख्यमंत्री के रूप में चुना। हमीरपुर जिले के नादौन से चार बार के विधायक और एक बस ड्राइवर के बेटे सुक्खू ने 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। जबकि अग्निहोत्री ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।