विकास की बदसूरत तस्वीर है मोटर नगर, बस अड्डे के नाम पर मिला केवल गड्ढा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : सिस्टम के अदूरदर्शी निर्णय का खामियाजा आमजन को किस तरह भुगतना पड़ता है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण मोटर नगर में हुआ बड़ा गड्ढा है। आमजन ने मोटर नगर में आधुनिक बस अड्डे का सपना देखा और सिस्टम ने जनता को बस अड्डे की जगह एक गड्डा थमा दिया। नतीजा वर्तमान में नगर निगम की 1.503 हेक्टेयर भूमि निष्प्रयोज्य पड़ी हुई है।
बताते चलें कि कोटद्वार में आधुनिक बस अड्डा निर्माण के लिए तत्कालीन नगर पालिका ने वर्ष 2010-11 में मोटर नगर की भूमि को चिन्हित किया। 23 मार्च 2013 को 1.838 हेक्टेयर भूमि में से 1.503 हेक्टेयर भूमि पर पीपीपी मोड पर आधुनिक बस टर्मिनल बनाने का कार्य एक निजी संस्था को सौंप दिया गया। शर्तों के अनुरूप, मार्च 2015 तक बस अड्डे का निर्माण पूर्ण कर नगर पालिका को सौंपा जाना था। लेकिन, एक दशक बाद भी कार्य पूर्ण नहीं हुआ है।
यह है वर्तमान स्थिति
वाहनों की बाढ़ और पार्किंग का अकाल। हैरानी की बात यह कि परिवहन विभाग के अधिकारियों को नए बस अड्डे के लिए भूमि चयनित करने के निर्देश तो दिए जा रहे हैं। लेकिन, करीब एक दशक पूर्व तत्कालीन नगर पालिका की गलतियों को सुधार आधुनिक बस अड्डे के नाम पर खड़े ढांचे की सुध लेने की जहमत नहीं उठाई जा रही। तत्कालीन नगर पालिका की गलतियों के कारण वर्तमान में नगर निगम की 1.503 हेक्टेयर भूमि निष्प्रयोज्य पड़ी हुई है।
यहां रही नगर पालिका की कमियां
कहना गलत न होगा कि तत्कालीन नगर पालिका कार्यकाल में पीपीपी मोड पर कार्य करने वाली एजेंसी से अनुबंध के दौरान नगर पालिका प्रशासन की आंखों में स्वार्थ की पट्टी बंधी हुई थी। दरअसल, अनुबंध में नगर पालिका ने मोटर नगर की भूमि देने की बात तो कही। लेकिन, दी जाने वाली भूमि पर मौजूद दुकानों पर नजर नहीं डाली। दरअसल, पालिका पूर्व में ही कुछ भूमि पर दुकानों का निर्माण कर उन्हें अन्य व्यापारियों को दे चुकी थी। अनुबंध होने के बाद नगर पालिका को भूमि उपयोग परिवर्तित करने में ही छ: माह से अधिक समय लग गया। भू उपयोग परिवर्तित हो गया। लेकिन, उसके बाद कार्यदायी एजेंसी भूमि के मसले पर अड़ गई। एजेंसी का कहना था कि जिस स्थान पर बस अड्डा निर्माण होना था, वहां पहले से ही दुकानें मौजूद थी। इसके बाद कार्यदायी एजेंसी नगर पालिका के खिलाफ न्यायालय में चली गई और आज भी इस मामले में कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
यह हो रही परेशानियां
मोटर नगर स्थित निर्माणाधीन बस अड्डे के निर्माण को लेकर यदि जनप्रतिनिधि गंभीरता दिखाते तो पार्किंग समस्या का निराकरण होता। हालत यह है कि आज शहर में अतिक्रमण के कारण वाहनों को खड़ा करने तक की जगह नहीं मिल पाती। जिससे शहर में यातायात व्यवस्था बदहाल होती जा रही है।
‘कोटद्वार में पार्किंग की समस्या वास्तव में बड़ी समस्या है। मोटर नगर में बस अड्डा निर्माण का मसला उच्च न्यायालय में लंबित है। …अजहर अली, सहायक नगर आयुक्त, कोटद्वार नगर निगम’