केंद्रीय बजट से छात्रसंघ पदाधिकारी मायूस
श्रीनगर गढ़वाल : छात्र संगठन एसएफआई की श्रीनगर इकाई की अध्यक्ष नीलम और सचिव योगेश बिष्ट ने कहा कि 2023 के केंद्रीय बजट में शिक्षा के क्षेत्र की सारी हालिया मांगों को नजर अंदाज कर दिया है। बजट में किसी भी तरह की ठोस घोषणा नहीं की गई है जो सार्वजनिक शिक्षा के लिए थोड़ी सी उम्मीद जगा सके।
वित्त मंत्री के पूरे बजट भाषण में सार्वजनिक शिक्षा का एक बार भी जिक्र नहीं किया गया है। शिक्षा व्यवस्था को इस कदर नजर अंदाज किया जाना चिंता का विषय है। कहा शिक्षा पर खर्च होने वाले बजट के हिस्से में से 2022-23 के मुकाबले इस वर्ष गिरावट आई है। पिछले वर्ष शिक्षा पर खर्च होने वाला यह हिस्सा कुल बजट का 2.64 प्रतिशत था जो इस वर्ष 2.50 प्रतिशत है। इसके साथ ही साथ यह बजट शिक्षा पर जीडीपी के 3 प्रतिशत खर्च को भी सुनिश्चित न कर सका है। वहीं नई शिक्षा नीति (एनईपी) में यह 6 प्रतिशत खर्च करने का प्रावधान है। राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के आवंटित बजट में 600 करोड़ की कमी कर दी गई है। शिक्षा सशक्तिकरण के लिए वितरित किए जाने वाले बजट में से भी 826 करोड़ घटा दिया गया है। (एजेंसी)