एनआईटी देगी मिलेटस युक्त खाद्य पदार्थों को बढ़ावा
जयन्त प्रतिनिधि।
श्रीनगर : एनआईटी उत्तराखंड श्रीनगर के रिसर्च एंड कंसल्टेंसी अनुभाग की ओर से मिलेटस की क्षमता और अन्य उपलब्ध खाद्य पदार्थों के साथ तुलना शीर्षक पर ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित किया गया। इस मौके पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेटस रिसर्च, हैदराबाद के प्रधान वैज्ञानिक और न्यूट्री हब के सीईओ डॉ. दयाकर राव बतौर मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि मिलेट्स फसलों का समूह है जिसके अंतर्गत ज्वार, बाजरा, रागी/मंडुआ जैसी फसलों के अलावा छोटे मिलेट्स जैसे कुटकी, कोदो, बार्नयार्ड बाजरा (सावा/झंगोरा), फॉक्सटेल बाजरा (कंगनी/काकुन) आदि आते है। कहा कि मिलेट्स के उच्च पोषक तत्वों के कारण आजकल इन्हे ‘पोषक-अनाज’ कहा जाता है।
सीईओ डा. दयाकर राव ने उत्तराखंड राज्य में मिलेट्स उत्पादन की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए एनआईटी उत्तराखंड के साथ मिलकर काम करने और इसी सन्दर्भ में एक द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की इच्छा जाहिर की। जिस पर एनआईटी निदेशक प्रो. एलके अवस्थी ने अपनी सहमति दी और सम्बंधित अधिकारी को एक समझौता मसौदा तैयार का निर्देश दिये। इससे पूर्व एनआईटी निदेशक प्रो. अवस्थी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलेट्स के उत्पादन और उपयोग पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया है। कहा उनके अथक प्रयासों के परिणाम स्वरुप ही 2023 में अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मनाने के भारत के प्रस्ताव को संयुक्त महासभा में 70 से अधिक देशों ने समर्थन किया। कहा एनआईटी उत्तराखंड ने मिलेट्स के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए संस्थान के मेस संचालक से छात्रों के लिए मिलेट्स युक्त खाद्य पदार्थ वितरित करने के लिए कहा है। डॉ. शिव कुमार तडेपल्ली (कोऑर्डिनेटर, एमओई) ने सत्र का समापन किया। इस मौके पर डा. धर्मेंद्र त्रिपाठी प्रभारी कुलसचिव, डॉ हरिहरन मुथुसामी डीन रिसर्च एंड कंसल्टेंसी, डॉ. जीएस बरार डीन पीएंडडी, डॉ. लालता प्रसाद आदि मौजूद रहे।