अल्ट्रासाउंड के लिए मरीज भटकने को मजबूर
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : एक ओर तो सरकार पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने का दावे कर रही है, लेकिन धरातल पर स्थिति इसके विपरीत है। जिले के कई अस्पतालों में रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने से मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए भटकने को मजबूर है। रेफर करने के बाद मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए दूसरे अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ती है।
जिले के थलीसैंण अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। यहां पर रेडियोलॉजी के लिए मशीन है और गायनी चिकित्सक केवल गर्भवती महिलाओं के ही अल्ट्रासाउंड करती है। जबकि अन्य मरीजों को लंबी दूरी नापते हुए पाबौ अस्पताल तक आना पड़ता है। ब्लाक प्रभारी डा.अमित पाटिल ने बताया कि एक दिन में औसत 10 से 12 अल्ट्रासाउंड के लिए मरीज आते है लेकिन रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने से मरीजों को रेफर करना पड़ता है। सीएची नैनीडांडा में अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं है। यहां पर एक्सरे मशीन है लेकिन रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। यहां पर आने वाले मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए रामनगर, काशीपुर, हल्द्वानी, कोटद्वार, देहरादून आदि हायर सेंटर रेफर करना पड़ता है। सीएची बीरोंखाल मे गर्भवती महिलाओं का ही अल्ट्रासाउंड होता है। सीएचसी प्रभारी डा.शैलेंद्र रावत ने बताया कि अन्य मरीजो को अल्ट्रासाउंड के लिए काशीपुर, रामनगर के लिए रेफर किया जाता है।