अटल उत्ष्ट विद्यालय की सुध लो सरकार
नई टिहरी। भिलंगना ब्लक में सरकार की ओर से घोषित अटल उत्ष्ट विद्यालय की दुर्दशा बनी हुई है। जिनमे न तो भवन है और न ही शिक्षक व प्रधानाचार्य। जिस कारण यह विद्यालय नाम मात्र के विशेष दर्जा प्राप्त है। बालगंगा घाटी में सबसे पुराना राइंका चमियाला 5 पट्टियों के 85 ग्राम पंचायतों के मध्य एकमात्र अटल आदर्श विद्यालय 6 वर्षो से सीबीएसई पैटर्न पर संचालित है। लेकिन विद्यालय वर्षों से बिना प्रधानाचार्य के संचालित है। पूर्णकालिक प्रधानाचार्य न होने से विद्यालय की प्रशासनिक व शैक्षणिक व्यवस्था चरमराई हुई है। इसके साथ ही विद्यालय भवन व स्टाफ के लिए निर्मित आवास भी जर्जर स्थिति में है। जबकि विद्यालय में प्रतिवर्ष विकास अनुदान अन्य विद्यालयों की भांति विभाग की ओर उपलब्ध कराया जाता है। विद्यालय में निर्मित दो मंजिला मुख्य भवन, 12 टाइप-3 शिक्षक आवास, 8 टाइप-2 निर्मित है, लेकिन उनकी स्थिति जर्जर बनी होने के कारण वे बंजर व वीरान पड़े है। लिहाजा वह मवेशियों के शरण स्थल बने हुए है। मुख्य भवन भी जर्जर स्थिति में है जिसकी छत व दीवारों से लगातार प्लास्टर गिरकर छात्रों व शिक्षकों को चोटिल कर देते है। विद्यालय में भवन व शैक्षिक स्तर में गिरावट को लेकर पूर्व शिक्षक व बालगंगा सेवानिवृत्त एवं वरिष्ठ नागरिक समिति के उपाध्यक्ष भरत सिंह नेगी ने शिक्षा निदेशक से मिलकर विद्यालय में पूर्णकालिक प्रधानाचार्य की नियुक्ति के साथ ही जर्जर भवनों की मरम्मत कराने की मांग की। इसके साथ ही विद्यालय में प्रदत्त अनुदान व सीबीएसई पैटर्न पर निर्देशित एवं निर्धारित शैक्षिक व शैक्षणिक गतिविधियों की जांच की भी मांग की है।