उत्तराखंड में जल्द तैयार होगा समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट, दो माह में किया जा सकता है सार्वजनिक
नई दिल्ली, एजेंसी। विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की जो घोषणा की थी, उसे अब धरातल पर उतारने की कवायद तेज कर दी गई है। यूसीसी का मसौदा तय करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की बैठक शुक्रवार को भी हुई।
राज्य के निवासियों सहित विभिन्न संस्थाओं और संगठनों से मिले ढाई लाख से अधिक सुझावों पर विचार-विमर्श का काम लगभग पूरा हो चुका है और अगले दो माह में ड्राफ्ट तैयार होने की संभावना है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव के दौरान की गई घोषणा को अमल में लाने के लिए मई, 2022 में सर्वोच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रसाद देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की थी।
समिति ने देशभर में निवासरत उत्तराखंड के निवासियों, सरकारी, गैर-सरकारी संस्थाओं, संगठनों आदि हितधारकों से सुझाव मांगे थे, ताकि सभी नागरिकों के लिए समान कानून संबंधी यूसीसी को बेहतर ढंग से लागू किया जा सके। आनलाइन सुझाव आमंत्रित करने के लिए पोर्टल भी तैयार किया। शुक्रवार को हुई बैठक में समिति ने संकेत दे दिया कि विचार-विमर्श की उसकी प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और संभवत: दो माह में ड्राफ्ट तैयार कर सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
बताया जाता है कि समिति ऐसा ड्राफ्ट तैयार करना चाहती है जो सामयिक हो। इस लिहाज से विदेशों के कुछ कानूनों का भी अध्ययन किया गया है कि संबद्ध विभिन्न मसलों पर अदालतों के फैसलों और विचारों को भी समाहित करने की कोशिश हो रही है। राज्य सरकार जिस तरह से इस प्रक्रिया को तेजी से बढ़ा रही है, उससे पूरी उम्मीद है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया जाए।