कोटद्वार में स्थाई गौशाला के लिये धनराशि तो मिल गई पर अभी तक नहीं मिली जमीन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में काशीरामपुर तल्ला में स्थाई गौशाला प्रस्तावित है। जनवरी माह में शासन की ओर से स्थाई गौशाला के प्रत्साव को मंजूरी देकर निर्माण के लिए कुछ धनराशि भी अवमुक्त कर दी गई थी, लेकिन राजस्व विभाग से अभी तक नगर निगम को जमीन हस्तांतरित नहीं हो पाई है। जमीन हस्तांतरण का मामला शासन स्तर पर लंबित है। जिस कारण अभी तक गौशाला का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। वर्तमान में स्थिति यह है कि क्षेत्रवासी आवारा पशुओं की चपेट में आकर चोटिल हो रहे हैं।
पूर्व में करीब 17 लाख की लागत से काशीरामपुर तल्ला में खोह नदी के तट पर अस्थाई गौशाला का निर्माण कराया गया था। जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में गौशाला का संचालन शुरू हो गया था। गौशाला की क्षमता कम होने से शहर में घूम रहे आवारा पशुओं से निजात नहीं मिल पाई। नगर निगम ने स्थाई गौशाला निर्माण के लिए शासन को लगभग 70 लाख रुपये से अधिक का प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा था। जनवरी माह में शासन ने प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कुछ धनराशि भी अवमुक्त कर दी थी, लेकिन अभी तक इस गौशाला का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। निगम क्षेत्र में स्थाई गौशाला न होने से शहर में जगह-जगह आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। इन पशुओं के कारण जहां सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है, वहीं दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है। विभिन्न सामाजिक संगठन सहित स्थानीय निवासी पिछले काफी समय से स्थाई गौशाला निर्माण की मांग रह रहे है, लेकिन अभी तक गौशाला का निर्माण नहीं हो पाया है। आलम यह है कि शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी मुख्य मार्गों सहित अन्य स्थानों पर यह पशु झुण्ड में रहते है। नगर निगम के अवर अभियन्ता श्री कबटियाल का कहना है कि चयनित भूमि राजस्व विभाग की है, जिसे नगर निगम को हस्तांतरित किया जाना है। हस्तांतरण से संबंधित फाइल शासन को भेजी गई है। नगर निगम को जमीन हस्तारंतरण होते ही गौशाला का निर्माण शुरू करा दिया जायेगा।
100 से अधिक पशुओं को रखने की होगी क्षमता
इस स्थाई गौशाला में नाला निर्माण, चौकीदार के लिए कमरा व चारे के लिए स्टोर बनाए जाने की योजना है। इसके साथ ही यहां पर 100 से अधिक पशुओं के रहने की व्यवस्था की जाएगी।