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जी 20: जिस ‘मोदी विजन’ की विपक्ष ने आलोचना की, वही दुनिया को एक साथ लाने का कारण बन गया

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नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से ही ‘सबका साथ, सबका विकास’ को अपनी राजनीति का मूल मंत्र मानते रहे हैं। बाद में उन्होंने इसमें ‘सबका विश्वास’ और ‘सबका प्रयास’ शब्द भी जोड़ दिया। यह ‘मोदी विजन’ केंद्र सरकार की सभी लोक कल्याणकारी योजनाओं का आधार भी बना। जब केंद्र सरकार की योजनाओं में जाति, धर्म या संप्रदाय के भेदभाव के बिना हर वर्ग के लोगों को राशन, प्रधानमंत्री आवास, स्वास्थ्य सुविधा, पेंशन या किसानों की आर्थिक सहायता पहुंचाई गई, तब इसे पीएम के सबके विकास के मूल मंत्र से जोड़कर ही देखा गया।
मोदी की राजनीति का यह मूल मंत्र हमेशा से विपक्ष के निशाने पर रहा। उसने आरोप लगाया कि सरकार सबके साथ और सबके विकास में विश्वास नहीं रखती। लेकिन विपक्ष के निशाने पर रहा यही मोदी मंत्र अब जी 20 के मंच पर सबको एक साथ लाने का आधार भी बनकर सामने आया।
स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी 20 में दिए अपने उद्बोधन में कहा कि आज पूरी दुनिया एक परिवार है। सबके हित एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय वातावरण को सबके लिए अच्छा तभी बनाया जा सकता है जब सभी इसे अपना साझा हित मानें। इस कार्य को किसी एक के बल पर पूरा भी नहीं किया जा सकता। यह लक्ष्य हासिल करने के लिए सबकी भागीदारी भी आवश्यक है।
मोदी का यह विजन पहली बार वैश्विक गूंज के साथ जी 20 के नई दिल्ली घोषणा पत्र में सामने आया। लेकिन इसके पहले भी उनके इन स्वरों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल चुकी है। जब यूक्रेन युद्ध के दौरान उन्होंने कहा था कि आज का समय युद्ध का समय नहीं है, तब स्वयं युद्ध प्रभावित यूक्रेन के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी इसे एक बेहद उपयोगी मूल्यवान विचार माना था। इसे भी मोदी विजन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गूंज के तौर पर देखा गया था।
पूरी दुनिया का तापमान आश्चर्यजनक तरीके से बढ़ रहा है। इसके दुष्परिणाम के रूप में कहीं भारी सूखा तो कई शहरों में अचानक भारी बारिश की घटनाएं बढ़ी हैं। जहां कभी भारी बारिश होती थी, वहां सूखा और सूखे वाले स्थानों पर बारिश होने से वैश्विक पर्यावरणीय संतुलन बुरी तरह गड़बड़ाया है। इन सबके मूल में पर्यावरण को हो रहे नुकसान को माना गया है।
पर्यावरण वैज्ञानिक इसके कारण भविष्य में बड़ा संकट आता हुआ महसूस कर रहे हैं। इससे बचने के लिए जिन उपायों की चर्चा हो रही है, उसके संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी पृथ्वी को एक परिवार मानकर सबको पर्यावरणीय स्वच्छता हासिल करने में अपनी भागीदारी देने की बात करते रहे हैं। जी 20 में इसे लेकर गंभीर चर्चा हुई है और इसके प्रस्ताव में भी यह मोदी विजन साफ नजर आया।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल ने अमर उजाला से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच हमेशा से मानव मात्र के कल्याण की रही है। ‘सबका साथ, सबका विकास’ का उनका मूल मंत्र भारत की सनातन ‘वसुधैव कुटुंबकम’ सोच को प्रतिबिंबित करता है। जिस समय वैचारिक भेदभाव में अनेक देश अलग-अलग रास्ता अपना रहे थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक परिवार के रूप में सबको सोचने और साथ आने के लिए प्रेरित किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के सहारे सबने यह समझा है कि आज पूरी दुनिया का हित एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। और पूरी दुनिया की भलाई इसी में है कि सभी लोग साथ आकर काम करें। यह भारत की सनातन संस्कृति की सोच की अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता है जिस पर हर भारतवासी को गर्व है।

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