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पीएम मोदी ने ब्राजील को जी20 की अध्यक्षता सौंपी; संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक निकायों में सुधार की मांग की

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नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को जी20 समूह की अध्यक्षता सौंप दी। इस दौरान उन्होंने सिल्वा को पारंपरिक गैवल (एक प्रकार का हथौड़ा) सौंपा। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने नई वैश्विक संरचना में दुनिया की नई हकीकत को प्रतिबिंबित करने का आह्वान किया और संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक निकायों में सुधार की मांग की।
उन्होंने कहा कि दुनिया बदल रही है। ऐसे में दुनिया के बड़े और जिम्मेदार संस्थानों को भी बदलने की जरूरत है। यूएनएससी में अभी भी उतने ही सदस्य हैं, जितने इसकी स्थापना के समय में थे। इसका विस्तार होना चाहिए, यानी स्थायी देशों की संख्या बढ़नी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सहित अन्य वैश्विक निकायों में सुधारों पर नए सिरे से जोर देते हुए कहा कि विश्व निकाय के सदस्य देशों में वृद्धि के बावजूद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सदस्यों की संख्या नहीं बढ़ी है। जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 51 सदस्यों के साथ हुई थी, तो दुनिया अलग थी। अब सदस्य देशों की संख्या लगभग 200 हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रकृति का नियम है कि जो समय के साथ नहीं बदलते, वे अपनी प्रासंगिकता खो देते हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी सामाजिक व्यवस्था और मौद्रिक व वित्तीय स्थिरता के लिए एक नया विषय है। इसे विनियमित करने के लिए वैश्विक मानक निर्धारित किए जाने चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं कि नवंबर 2023 तक जी20 की अध्यक्षता की जिम्मेदारी भारत के पास है। इन दो दिनों में आप सभी ने बहुत सारे सुझाव दिए, प्रस्ताव रखे। हमारा कर्तव्य है कि सुझावों की एक बार फिर से समीक्षा की जाए, ताकि यह देखा जा सके कि उनकी प्रगति को कैसे तेज किया जा सकता है। मेरा प्रस्ताव है कि नवंबर के अंत में हम जी 20 का एक वर्चुअल सत्र आयोजित करें। हम इस शिखर सम्मेलन में तय किए गए विषयों की समीक्षा उस वर्चुअल सत्र में कर सकते हैं। मुझे आशा है कि आप सभी वर्चुअल सत्र में जुड़ेंगे। इसके साथ मैं जी20 सत्र के समापन की घोषणा करता हूं।
ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा ने कहा कि भू-राजनीतिक मुद्दों को जी20 में चर्चा पर हावी नहीं होने देना चाहिए। समूह को विभाजित जी20 में कोई दिलचस्पी नहीं है। आज की चुनौतियों का सामना संयुक्त कार्रवाई के जरिए ही किया जा सकता है। जी20 की अध्यक्षता मिलने के बाद उन्होंने कहा कि हमें संघर्ष के बजाय शांति और सहयोग की जरूरत है। अगला जी20 शिखर सम्मेलन नवंबर 2024 में रियो डी जनेरियो में होगा।
लूला डी सिल्वा ने कहा कि जो रास्ता हमें नई दिल्ली से रियो डी जनेरियो तक ले जाएगा, उसके लिए सभी से बहुत समर्पण और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होगी। ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा कि गरीब देशों की कर्ज की समस्या पर ध्यान देना होगा। दुनिया को भुखमरी खत्म करने की कोशिश बढ़ानी होगी। उन्होंने पीएम मोदी को बधाई दी और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के हित के विषयों को आवाज देने के प्रयासों के लिए भारत को धन्यवाद दिया।
ब्राजील आधिकारिक रूप से इस साल एक दिसंबर में जी20 समूह के अध्यक्ष का कार्यभार संभालेगा। उन्होंने बताया कि ब्राजील की अध्यक्षता में दक्षिण अमेरिकी देश के पांच क्षेत्रों में से प्रत्येक के शहरों में जी20 बैठकें आयोजित की जाएंगी।
लूला दा सिल्वा ने सामाजिक समावेशन, भूख के खिलाफ लड़ाई, ऊर्जा परिवर्तन और सतत विकास को जी20 की प्राथमिकताओं के रूप में सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अपनी राजनीतिक ताकत बरकरार रखने के लिए स्थायी और गैर-स्थायी सदस्यों के रूप में नए विकासशील देशों की जरूरत है। हम विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विकासशील देशों के लिए अधिक प्रतिनिधित्व चाहते हैं।
राष्ट्रपति सिल्वा नेजी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए रविवार को भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया। ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा कि इनमें सामाजिक समावेश और भूख के खिलाफ लड़ाई, ऊर्जा संक्रमण और सतत विकास और वैश्विक शासन संस्थानों में सुधार शामिल हैं। जी 20 शिखर सम्मेलन के समापन सत्र मेंसिल्वा ने कहा, ये सभी प्राथमिकताएं ब्राजील के राष्ट्रपति के आदर्श वाक्य का हिस्सा हैं जो कहती हैं ‘एक निष्पक्ष दुनिया और एक स्थायी ग्रह का निर्माण’। दो टास्क फोर्स बनाए जाएंगे – ग्लोबल अलायंस अगेंस्ट हंगर एंड पॉवर्टी और ग्लोबल मोबिलाइजेशन।

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