भारत के आगे एक बार फिर झुका नेपाल, विवादित नक्शे वाली किताबों पर लगाई रोक
काठमांडू , एजेंसी। भारत के भारी दबाव के बीच नेपाल एक बार फिर अपने कदम से पीटे हट गया है। नेपाल की केपी ओली सरकार ने विवादित नक्घ्शे वाली किताबों के वितरण पर रोक लगा दी है। स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल इस किताब में तीन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भारतीय क्षेत्रों को अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में दिखाने वाले देश का संशोधित राजनीतिक नक्शा शामिल था।
भारत ने नेपाल द्वारा हाल ही में किए गए प्रादेशिक दावों के त्रिम विस्तार का विरोध किया था, जिसे भारत ने पूरी तरह ने नकार दिया था, क्योंकि नेपाल ने अपनी संसद में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्रों की राजनीतिक मानचित्र को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है, जो कि भारत के उत्तराखंड राज्य में पड़ते हैं।
नेपाल की एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्रालय और भू प्रबंधन मंत्रालय ने कहा था कि इस किताब में कई तथ्यात्मक गलतियां और अनुचित कंटेट है, इस वजह से किताब के प्रकाशन पर रोक लगाई गई है। कानून मंत्री शिव माया ने कहा कि हमने यह निष्कर्ष निकाला है कि किताब के वितरण पर रोक लगा दी जाए। कानून मंत्री ने माना है कि कई गलत तथ्यों के साथ संवेदनशील मुद्दों पर किताब का प्रकाशन गलत कदम था।
मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में शिक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया गया कि कक्षा 9 से 12 तक की पाठ्य पुस्तक की किसी भी किताब को वितरित और मुद्रित न किया जाए। वहीं, भूमि सुधार और सहकारिता मंत्री जनक राज जोशी के प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय के पास नेपाल के भौगोलिक क्षेत्र को बदलने का अधिकार नहीं है और पुस्तक में कई तथ्यात्मक गलतिया हैं। उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों को सुधारात्मक उपाय करने के लिए कहा गया है।