उत्तराखंड

संस्त भाषा ही नहीं संस्कार व विचार भी: दास

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बागेश्वर(आरएनएस)। संस्त अकादमी हरिद्वार के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय जनपद स्तरीय संस्त छात्र प्रतियोगिता बुधवार को शुरू हो गई है। मुख्य अतिथि विधायक पार्वती दास ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि संस्त को सभी भारतीय भाषाओं का मूल आधार माना जाता है। संस्त सरल, सुमधुर एवं वैज्ञानिक भाषा है। संस्त भाषा ही नहीं संस्कार व विचारधारा है। सीईओ कार्यालय सभागार में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने कहा कि संस्त के प्रचार-प्रसार, संवर्द्धन एवं संरक्षण के लिए उत्तराखंड संस्त अकादमी के प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि संस्त प्राचीनतम और सभी भाषाओं की जननी है। विशिष्ट अतिथि ड़ उमेश जोशी, विभागाध्यक्ष संस्त विभाग बद्री दत्त पांडे परिसर ने कहा कि संस्त में ही हमारी संस्ति एवं वैज्ञानिकता छिपी है। संस्त मानवता के निर्माण की भाषा है। मुख्य शिक्षा अधिकारी गजेंद्र सिंह सौन ने कहा कि संस्त के बिना जीवन शून्य है। जनपद संयोजक प्रधानाचार्य दीप चंद्र जोशी ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि संस्त नृत्य, नाटक, समूहगान, वाद-विवाद, श्लोकोच्चारण समेत छह प्रतियोगिताएं होंगी। पहला स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी राज्य स्तरीय संस्त छात्र प्रतियोगिता में सात व आठ नवंबर को हरिद्वार में भाग लेंगे। प्रतियोगिता में जनपद स्तर पर कुल 37 हजार, 800 रुपये का नगद पुरस्कार व प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। जिला सह संयोजक पंकज प्रसाद भट्ट ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन ड. गोपाल ष्ण जोशी ने किया। इस अवसर पर ड़ रमेश कांडपाल, ललित तिवारी, राजेश आगरी, ममता जोशी, बबीता असवाल, सुमित्रा उनियाल, ड़ यशोदा जोशी, कमला गोस्वामी, किरन वानी, मनमोहन जोशी आदि उपस्थित थे।

 

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