उत्तराखंड

कर्णप्रयाग के गांवों में पांडवाणी और जागरों की धूम

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चमोली। ब्लाक के कई गांवों में पांडव, बगड़वाल, गोरिल, भैरव नृत्य सहित अन्य देवी देवताओं की पूजा के अनुष्ठानों की धूम मची है। गांव इस दौरान गाए जाने वाले पांडवाणी और जागरों से गूंज रहे हैं। पांडव नृत्य देखने तो दूर-दूर से ग्रामीण पहुंच रहे हैं। मैखुरा गांव में चल रहे पांडव नृत्य देखने के लिए भीड़ उमड़ी। यहां मैखुरा सहित आस पास के ग्रामीणों ने पांडवों की पूजा अर्चना कर क्षेत्र की सुख समृद्घि की कामना की। आयोजन समिति के शांति प्रसाद मैखुरी, आशाराम मैखुरी, पुजारी दिनेश मैखुरी, जगदंबा प्रसाद मैखुरी आदि का कहना है कि ग्रामीण हर तीन या पांच साल में पांडव नृत्य का आयोजन करते हैं। कहा कि गांवों की नई पीढ़ी आज भी अपनी परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। वहीं कपीरी के सेरागाड़ में भी बीते 13 दिसंबर से पांडव नृत्य का आयोजन किया जा रहा है। ग्रामीण नारायण दत्त, लीलाधर रतूड़ी, किशोरी रतूड़ी, राकेश जुयाल आदि का कहना है कि लंबे समय पर आयोजित हो रहे कार्यक्रम में लोग बढ़चढ़कर भागीदारी कर रहे हैं। यहां पांडव नृत्य देखने के लिए रैगांव, गुनाड़, थाला, सुणाईं, ह्यूंडा, पाडली, खत्याड़ी, नैनीसैंण सहित कई दूरस्थ गांवों से लोग पहुंच रहे हैं।

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