पिंडर घाटी के किसानों के उत्पादों को मिलेगा बाजार
बागेश्वर। कपकोट के पिंडर घाटी में हंस फाउंडेशन और हिमालयन एक्शन रिसर्च सेंटर (हार्क) संस्था ने सोराग गांव के उंगिया तोक में पिंडारी बहुउद्देश्यीय स्वायत्त सहकारिता के सामुदायिक सुविधा और संग्रहण केंद्र खोला है। जिसका भूमि पूजन के साथ संस्था के सदस्यों ने शुभारंभ किया। इस केंद्र में हर्बल चाय, शहद और मिश्रित आटा पैकेजिंग की यूनिट लगाई गई है। इसमें स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग कर उन्हें बड़े बाजारों में बेचा जाएगा।
हार्क संस्था के प्रबंधक हरीश पांडेय ने बताया कि हंस फाउंडेशन के वित्त पोषण में संस्था किसानों को मजबूत बनाने का कार्य कर रही है। जिसके तहत खाती, सोराग, वाछम, बदियाकोट, तीख, डौला, उंगिया सहित आठ गांवों के करीब 650 किसानों को जोड़ा गया है। बताया कि अब तक किसान पैदावार कर रहे थे। सुविधा और संग्रहण केंद्र खुलने के बाद वह अपने उत्पादों को चाय, शहद, आटा, अचार आदि तैयार कर बाजारों के बेच पाएंगे। उन्होंने बताया कि सुविधा एवं संग्रहण केंद्र को तैयार करने में 35 लाख रुपये का खर्च आया है। जिसमें करीब साढ़े छह लाख का टिन शेड भवन और बाकी धनराशि की हनी प्रोसेसिंग यूनिट, शहद प्रोसेसिंग यूनिट और हर्बल चाय तैयार करने की मशीन तथा पैकेजिंग मटीरियल का खर्चा शामिल है। बताया कि संस्था सहकारिता से जुड़े किसानों को प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण देगी। जिसका लाभ उठाकर किसान तुलसी चाय, लेमन टी, शहद, मल्टीग्रेन आटा आदि तैयार करेंगे। सहकारिता के माध्यम से उन्हें क्षेत्रीय बाजारों में बेचा जाएगा। जिसका सीधा लाभ क्षेत्र के किसानों को मिलेगा। शुभारंभ के मौके पर हंस फाउंडेशन के कंसलटेंट एनबी अवस्थी, एसबीआई के पूर्व प्रबंधक तेज बहादुर धर्मशक्तू सहित सहकारिता व परियोजना के सदस्य मौजूद रहे।