साहित्यकार डा. रणवीर सिंह चौहान का निधन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : पौड़ी जिले के अंतर्गत ग्राम डांगी निवासी इतिहासकार, साहित्यकार डा. रणवीर सिंह चौहान का निधन हो गया। उनके निधन पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है।
वर्तमान में देवी नगर कोटद्वार में रह रहे उनके पुत्र आशीष चौहान ने बताया कि डा. रणवीर सिंह चौहान पिछले दो दिन से अस्वस्थ चल रहे थे। मंगलवार सुबह की पांच बजे उनक निधन हो गया। 78 वर्षीय रणवीर सिंह चौहान अब भी लेखन कार्य करते थे। उन्होंने कई गीतों की भी रचना की। उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में गिया गया। सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार जगमोहन डांगी ने बताया कि डा. रणवीर सिंह के निधन से साहित्य जगत को अपूर्णीय क्षति पहुंची है। कहा कि उनकी डांगी का इतिहास सात सौ वर्ष पूर्व डांगी गांव की स्थापना पर एक पुस्तक वंशावली भाग दो पर तैयारी चल रही थी, जून में गांव के सात सौ साल होने पर हमारी संस्कृति हमारी विरासत कार्यक्रम होना था, डॉ. रणवीर सिंह चौहान एक जमाने में नजीबाबाद और लखनऊ आकाशवाणी केंद्रो से कई एकांकी नाटक सुनाते थे। उन्होंने लगभग 40 से ऊपर पुस्तकें लिखी हैं। यह तक की उन्होंने बहुत गीत लिखे जो विभिन्न लोक गायकों ने गाए। हंत्या पुजै और जनरल बकरा जैसी उनका चर्चित नाटकों में से एक है। उन्होंने बचपन में लैंसडाउन में जनरल बकरा स्वयं अपने आंखों से दिखा है। वह राजधानी ब्रह्मपुर नंदा राजजात रूपकुंड का खोज करने पवले पहले इतिहासकार थे।