हाथरस गैंगरेप मृतका को न्याय दिलाने को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया जुलूस प्रदर्शन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। हाथरस सहित उत्तरप्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बेटियों के साथ हो रहे बलात्कार एवं अत्याचार की घटनाओं पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जुलूस प्रदर्शन करते हुए मोदी योगी सरकारों के खिलाफ जबरदस्त हल्ला बोलते हुए पीड़ित परिवारों को न्याय दिये जाने एवं मुख्यमंत्री योगी से इस्तीफा दिये जाने की मांग को लेकर उपजिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया।
शनिवार को पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी एवं महापौर श्रीमती हेमलता नेगी की अगुवाई एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनवर सिंह आर्य के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय से लेकर तहसील तक जुलूस निकालते हुए केन्द्र एवं उत्तरप्रदेश में सत्तासीन भाजपा सरकार की जोरदार खिलाफत की है। तहसील में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने उत्तरप्रदेश की हाथरस एवं अन्य हिस्सों में बेटियों के साथ हो रहे अत्याचार की घटनाओं के लिए मोदी एवं योगी सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढाओ को झूठा नारा देने वाली भाजपा सरकारें बेटियों की रक्षा करने में पूरी तरह से विफल रही है, कहा कि वर्तमान में उत्तरप्रदेश में जंगल राज स्थापित हो गया है, योगी सरकार आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है, तथा मीडिया पर भी सेंसरशिप लगाते हुए पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है इसके अलावा राजनेताओं को पीड़ित परिवार से दूर ही रखा जाना योगी सरकार की हिटलर शाही को प्रदर्शित करता है। कहा कि हाथरस की घटना ने पूरे देश को शर्मसार करते हुए मानवता को झकझोर कर रख दिया है, लेकिन योगी सरकार को राजधर्म जरा भी चिंता नहीं है। कहा कि हाथरस की बेटी के साथ दरिदों ने गैंगरेप करने के बाद उसकी रीड की हड्डी एवं जीभ काट डाली, इसके बाद पुलिस ने मृतक के शव को अंधेरे में ही पेट्रोल छिडकर जला डाला, इस प्रकार की दरिंद्गी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं जा सकता है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति से योगी सरकार को बर्खाश्त करने एवं पीड़ित परिवारों को न्याय दिये जाने की मांग की है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष डा़ चन्द्रमोहन खर्कवाल, महानगर अध्यक्ष संजय मित्तल, महानगर महिला अध्यक्ष शंकुतला चौहान, मनवर सिंह आर्य, मीना बछुवाण, बीनीता भारती, देवेन्द्र सिंह, आशाराम, सुनीता बिष्ट, कृष्णा बहुगुणा, सुनीता धस्माना, रेखा, सावित्री, सीमा, सोनी, विमला रावत, शोभा गोयल, गीता, सबनम, पूजा त्यागी, मंजू, रमेश चंद्र खंतवाल, राजेन्द्र गुंसाई, यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अमित राज सिंह, कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष राकेश शर्मा, यूथ कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष विजय रावत, बलवीर सिंह रावत, रामचद्र सिंह रावत, गोपाल गुंसाई, राजेन्द्र असवाल, हेमचंद्र पंवार, छात्र संघ अध्यक्ष हिमांशू बहुखंडी, जितेन्द्र भाटिया, विजय नाराण सिंह, नीरज बहुगुणा, सूर्यमणि, सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
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न्याय की मांग करने वालों पर दर्ज फर्जी मुकदमें वापस लेने की मांग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। शनिवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए वीभत्स कांड में पीड़िता को न्याय के लिए व न्याय की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे लोगों पर फर्जी मुकदमों के जरिए की गई गिरफ्तारी को लेकर क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन द्वारा उपजिलाधिकारी कोटद्वार के माध्यम में राष्ट्रपति को पत्र प्रेषित किया गया। पत्र में संगठन के सचिव भूपार्ल ंसह ने योगी सरकार व प्रशासन की नकारात्मक भूमिका को लेकर पुलिसकर्मियों तथा अधिकारियों को बर्खास्त कर उन पर मुकदमें दर्ज करने की मांग की है।
क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के सचिव भूपाल सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सिंतबर को दलित समुदाय की युवती के साथ हुए वीभत्स बलात्कार तथा परोक्ष हत्या से बेहद क्षुब्ध व आक्रोशित हैं। इस में मामले में उत्तरप्रदेश सरकार व प्रशासन की नकारात्मक भूमिका रही है। स्थानीय पुलिस व उच्च स्तर के अधिकारियों की भूमिका अपराधियों का पक्ष पोषण करने वाली व उन्हें बचाने की रही है। स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वार पीड़ित मृतका के परिजनों को बिना सूचित किये ही शव को जला दिया गया । यह स्पष्टतया साक्ष्यों को नष्ट करने व अपराधियों को बचाने का आपराधिक कदम था। इन स्थितियों को देखकर जब जनता आक्रोशित हो सड़कों पर आई तो यूपी सरकार ने बदायूं से लेकर लखनऊ तक आंदोलनकारियों पर फर्जी मुकदमें लादकर गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। यूपी सरकार का यह घोर दमनकारी फासीवादी व्यवहार महिला विरोधी आपराधिक घटनाओं को बढ़ावा देने वाला है। इस बीच यूपी में महिलाओं के साथ अपराध की कई घटाएं हो चुकी हैं। हालांकि आंदोलनों के दबाव में ही यूपी सरकार ने कुछ अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है मगर हमारा स्पष्ट मानना है कि यह निलंबन फेस सेविंग है जबकि इस गंभीर मामले मे ंइन्हें न केवल बर्खास्त किया जाना चाहिए बल्कि साक्ष्यों को नष्ट करने, पद का दुरूपयोग करने का मुकदमा भी दर्ज किया जाना चाहिए। साथ ही सचिव भूपाल सिंह ने मृतका को न्याय दिलाने के लिए मांग करते संगठनों के कार्यकर्ताओं पर लगे फर्जी मुकदमें रद्द करके उन्हें तुरंत रिहा करने की मांग की है।