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केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका के बयान पर भारत का कड़ा रुख; कहा- इस टिप्पणी का कोई औचित्य नहीं

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नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस के बैंक खातों को सीज करने पर अमेरिकी टिप्पणी के बाद भारत ने अमेरिकी राजनयिक को तलब किया था। जिसकी जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने दी है। उन्होंने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में किसी भी दूसरे देश के टिप्पणी का कोई औचित्य ही नहीं है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए रणधीर जयसवाल ने कहा कि बुधवार को भारत ने अमेरिकी दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष की गई टिप्पणियों के संबंध में अपनी कड़ी आपत्ति और विरोध दर्ज कराया है। अमेरिकी विदेश विभाग की हालिया बयान अनुचित हैं। उन्होंने कहा कि हमारी चुनावी और कानूनी प्रक्रियाओं पर कोई भी बाह्य आरोप पूरी तरह अस्वीकार्य है।
रणधीर जयसवाल ने दो टूक शब्दों में कहा कि कानूनी प्रक्रियाएं केवल कानून के शासन द्वारा संचालित होती हैं। जो कोई भी समान लोकाचार रखता है, खासकर साथी लोकतंत्रों को इस तथ्य की सराहना करने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को अपने स्वतंत्र और मजबूत लोकतांत्रिक संस्थानों पर गर्व हैं। साथ ही साफतौर पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम ऐसी संस्थाओं को किसी भी बाहरी प्रभावों से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि आपसी सम्मान और समझ अंतरराष्ट्रीय संबंधों की नींव को मजबूत बनाती है। ऐसे में अन्य देशों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा की जाती है।
इस बीच, पत्रकारों से बातचीत करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के मामले पर हमारी स्थिति स्पष्टहै। हमने इस संबंध में बयान भी जारी किए हैं। चीन जितनी बार चाहे अपने निराधार दावों को दोहरा सकता है। उनके बार-बार बोलने से ऐसा तो है नहीं कि वास्तविक स्थिति बदल जाए। उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा।
रूसी सेना में भारतीयों के शामिल होने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि हम लगातार रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं। हमने मामले को उनके सामने दृढ़ता से उठाया है कि हमारे नागरिकों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए और छुट्टी दे दी जाए। अब तक दो लोगों की मौत हुई है, जिनके शव भारत आ गए हैं। इसी बीच, विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि मंत्रालय में वर्तमान में निदेशक सीता राम मीणा को नाइजर गणराज्य में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुछ दिन पहले अमेरिका के बाल्टीमोर में एक पुल से टकराने वाले मालवाहक जहाज पर 20 भारतीय सवार थे और भारतीय दूतावास उनके और स्थानीय अधिकारियों के साथ करीबी संपर्क में है। बाल्टीमोर में पटाप्सको नदी पर बना 2.6 किलोमीटर लंबा, चार लेन वाला फ्रांसिस स्कॉट का ब्रिज मंगलवार को 984 फुट लंबे जहाज ‘डाली’ से टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि सभी अच्छी हालत में हैं, अच्छा स्वास्थ्य है। उनमें से एक को थोड़ी चोट लगी है और टांके लगाए गए हैं।

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