दिल्ली के चर्चित मर्डर केस में दोषी को मिली फांसी की सजा
नई दिल्ली , एजेंसी । 11 साल पूर्व रोहिणी इलाके में बेहद सुर्खियों में रहे 11 वर्षीय छठीं कक्षा के छात्र मनन महाजन का फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या के मामले में दोषी को रोहिणी कोर्ट ने मंगलवार को फांसी की सजा दी है। रोहिणी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद की ने मामले के दोषी जीवक नागपाल उर्फ शैंकी को शाम करीब साढ़े चार बजे फांसी की सजा सुनाई। इसके पूर्व अदालत में पीड़ित पक्ष की ओर सजा को लेकर दलीलें पेश की गई, जिसमें मामले को दुलर्भतम श्रेणी को बताते हुए दोषी को फांसी की सजा देने की मांग की।
मामले के आरोपित जीवक तब सीए प्रथम वर्ष का छात्र था। उसके पिता एक्सपोर्टर थे, जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। ऐसे में दोषी ने परिवार को आर्थिक तंगी से टूटकारा दिलाने के लिए पड़ोस में रहने वाले प्रोपर्टी कारोबारी राजेश महाजन के बेटे मनन का 18 मार्च 2009 की शाम उस समय कार से अपहरण कर लिया था, जब वह कलम खरीदने के लिए घर से बाहर निकला था।
जीवक ने उसे घुमाने के बहाने कार में बिठा लिया था। लेकिन जब वह उसे काफी दूर आगे लेकर चला गया तो वह कार से नीचे उतार देने की जिद करने लगा था। उसकी कार में ही पिटाई शुरू कर दी थी। ऐसे में मनन कार के दरवाजे को खोलकर कूदने की कोशिश करने लगा तो दोषी ने उसका गला दबा दिया था। इससे वह बेहोश हो गया था। लेकिन, उसे कुछ देर के बाद होश आने लगा तो दोषी ने पेचकस घोंपकर उसकी हत्या कर दी थी और शव को रोहिणी सेक्टर 24 के दीप विहार में नाले में देंक दिया था।
जीवन ने मनन की हत्या करने के बाद मनन के पिता को एसएमएस भेजकर बेटे की रिहाई के लिए पहले 25 लाख की फिरौती मांगी थी। बाद उसने रकम बढ़ाकर सात करोड़ तक कर दी थी। उसने अपहरण कर हत्या की योजना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया था। इसके लिए उसने फर्जी नाम- पते पर सिम व मोबाइल फोन खरीदा था और उसीसे फिरोती की रकम मांग रहा था।
जांच के क्रम में प्रशांत विहार थाना पुलिस ने उसके नये मोबाइल फोन का इएमआइ नंबर प्राप्त कर लिया था। फिरौती मांगने के दौरान उसका पुराना मोबाइल फोन स्वीच अफ हो गया था तो उसने पुराने सिम को नये मोबाइल फोन में लगाकर अपने एक दोस्त को कल किया था। पुलिस इससे ही उसका सुराग मिला और उसे दबोच लिया गया था और उसकी निशानदेहर पर नाले से शव को भी बरामद कर लिया गया था।