उत्तराखंड

दून के सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग अधिकारियों की भारी किल्लत

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देहरादून। दून के सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग अधिकारियों की भारी किल्लत है। एक नर्सिंग स्टाफ 20 से 45 मरीज देख रहे हैं। मानक पांच मरीजों पर एक स्टाफ का है। वार्ड ब्वॉय नहीं होने पर नर्सिंग केयर के अलावा मरीजों की शिफ्टिंग, दवाई लाना, डस्टिंग तक करनी पड़ रही है। मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग भर्ती अधर में लटकी और आउटसोर्स एजेंसी वालों को महज 13 हजार रुपये वेतन मिलता है। काम की अधिकता एवं कम वेतन से उनमें निराशा है। दून अस्पताल की गायनी विंग का सबसे बुरा हाल है। सिजेरियन वार्ड में 24 बेड है, यहां एसी ठप है, पंखे लगे नहीं। स्टाफ-तीमारदार और मरीज पसीने में लथपथ है। स्टाफ शालिनी मरीजों का कार्य कर फाइलों के बोझ से बेहाल है। पसीना पूछती है, चार तीमारदारों की परेशानी सुनती है। एचडीयू में स्टाफ संजना बिना वार्ड आया के संभाले है। गायनी वार्ड में 28 बेड फुल है, स्टाफ ज्योति फाइलें पूरी कर मरीजों को इंजेक्शन दे रही है। उमस से सब बेहाल है। एएनसी में स्टाफ दीप्ति 19 मरीजों की देखभाल संग वार्ड आया का कार्य भी कर रही है। गायनी में 20 नर्सिंग स्टाफ एवं 20 आया की सख्त जरूरत है।
इमरजेंसी संभाले या ओटी-प्लास्टर कराएं
इमरजेंसी में 39 बेड, तीन माइनर ओटी, एक प्लास्टर रूम है। नर्सिंग अधिकारी सावित्री चौहान, करिश्मा, विपिन फाइलों, मरीजों में उलझे हैं। सड़क हादसों, मारपीट एवं गंभीर मरीज यहां आ रहे हैं। वार्ड ब्वॉय एक ही है। गायनी इमरजेंसी में स्टाफ तमन्ना अकेली 10 बेड, लेबर रूम में 26 बेड एवं आठ टेबल पर दो नर्सिंग स्टाफ मनीषा एवं नाहिद है। रोजाना 30 से 40 प्रसव हो रहे हैं।
आईसीयू-वार्ड अकेले देखे, दो आईसीयू बंद
बर्न आईसीयू एवं वार्ड के 14 बेड स्टाफ नम्रता अकेले देख रही है। आईसीयू तीन में से एक चल रहा है, स्टाफ आस्था-नेहा की ड्यूटी है। निक्कू में 27 बेड पर स्टाफ ललित, इशिता, गणेश है। पीकू में नौ मरीज है, अकेली स्टाफ प्रियंका है, वार्ड ब्वॉय नहीं है।
स्टाफ 45 मरीज, वार्ड ब्वॉय चार वार्ड संभाले
पीएनसी में 30 बेड है, यहां एक नर्सिंग अधिकारी अफसार है। यहां चार वार्ड में एक वार्ड ब्वॉय राहुल है। पूरी ड्यूटी में दौड़ता रहता है। 14 में स्टाफ प्रदीप डबोला, 16 में हर्षित समेत दो, 17 में निशा है। टीबी चेस्ट में 19 मरीज है, स्टाफ साइना, अंकिता पूरा कार्य संभाले हैं। वार्ड ब्वॉय नहीं मिलता। ऑर्थो में आउटसोर्स स्टाफ सपना की ड्यूटी है, 45 मरीज अकेली देख रही हैं। कभी ड्रिप लगाती है तो कभी बीपी नापती। एक वार्ड आया संजो ईएनटी, ऑर्थो, साइकेट्री एवं वीआईपी में दौड़ रही है। साइकेट्री, यूरोलॉजी, सर्जरी, कैंसर, आयुष्मान, पीडिया में भी एक एक ही स्टाफ है।

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