कोटद्वार-पौड़ी

प्रभावितों पर जबरन मुआवजा लेने का दबाव बना रहा प्रशासन

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एनएचएआई विरोध संघर्ष समिति ने प्रशासन के रवैये पर जताया आक्रोश
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : एनएचएआई विरोध संघर्ष समिति ने प्रशासन पर कोटद्वार बाईपास प्रभावितों की अनदेखी का आरोप लगाया है। कहा कि प्रशासन प्रभावितों पर जबरन मुआवजा लेने का दबाव बना रहा है। जबकि, समिति बाजार रेट पर प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग उठा रही है। यही नहीं मुआवजा न लेने की स्थिति में एक महीने के अंदर नोटिस जारी कर मकानों को तोड़ने व जमीन खाली करवाने की भी धमकी दी जा रही है।
प्रभावितों ने बताया कि बाईपास निर्माण में लोगों की खून पसीने की कमाई से खरीदी गई जमीन और मकान अधिग्रहीत किए गए हैं। मुआवजा निर्धारण में बाजार रेट तय होना चाहिए था। लेकिन, प्रशासन मुआवजा देने में लापरवाही दिखा रहा है। समिति के अध्यक्ष आशीष रावत ने कहा कि अपर जिलाधिकारी इला गिरि रतनपुर क्षेत्र में प्रभावितों से मिलने पहुंची थी। जहां पर एडीएम ने कई प्रभावितों के घरों में जाकर जमीन, मकानों का मुआवजा लेने के लिए दबाव डाला। कहा कि अभी तक प्रशासन पीड़ितों की समस्याओं का समाधान करने में पूरी तरह से नाकाम रहा है, जिसके लिए प्रभावित कई बार प्रशासन से समस्या का समाधान करने की गुहार लगा चुके है। अभी तक प्रशासन गोल खातों के प्रकरण को भी नहीं सुलझा पाया है। कई सालों से मकान बनाकर रहने वाले लोगों के लिए भी किस प्रकार मुआवजा दिया जाना है, यह भी स्पष्ट नहीं है। भूमिधरी व रजिस्ट्री की जमीनों का मुआवजा भी बाजार भाव से नहीं दिया जा रहा है। कहा कि अभी तक आर्बिटेटर की नियुक्त नहीं किया गया है। आर्बिटेटर नियुक्त न होने से प्रभावित अपनी बात नहीं रख पा रहे है। प्रशासन की तरफ से प्रभावितों को धमकाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि अब समिति प्रशासन के रवैए के खिलाफ मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपेगी। साथ ही हाईकोर्ट में भी प्रशासन के माध्यम से प्रभावितों पर अनैतिक दबाव बनाए जाने को लेकर भी शिकायत की जाएगी।

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