चारधाम यात्रा के लिए और करना होगा इंतजार, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक फिर बढ़ी
देहरादून। चारधाम यात्रा पर जाने वाले भक्तजनों का इंतजार एक बार फिर बढ़ गया है। ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए भक्तों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। केदारनाथ, गंगोत्री, बदरीनाथ समेत चारों धामों के लिए श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या के मद्देनजर ऑफलाइन पंजीकरण पर लगी रोक को 31 मई तक बढ़ा दिया गया। सोमवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके निर्देश दिए। रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन व्यवस्था लागू रहेगी। इसके साथ यात्रियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए टूर आपरेटर के लिए नई एडवाइजरी जारी करने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से विस्तार से चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आने वाला हर यात्री प्रदेश का अतिथि है। उसकी सुविधा, सहुलियत सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इस वर्ष यात्रियों की संख्या नए रिकार्ड स्थापित कर रही है।सभी यात्री सरलता और सहजता से भगवान के दर्शन कर सके, इसके लिए संख्या को नियंत्रित करना भी आवश्यक है। फिलहाल हरिद्वार, ऋषिकेश में किए जा रहे ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन को 31 मई तक पूरी तरह से बंद कर दिया जाए। मालूम हो कि अब तक यह रोक 19 मई तक लागू थी। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में यात्रियों की संख्या 30 लाख के पार हो चुकी है। हर धाम में तय मानक से दोगुने तक यात्री पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यात्रा मार्ग एवं चार धाम में पेयजल व विद्युत आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के निर्देश भी दिए। कहा कि तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाए।
बिना रजिस्ट्रेशन आने वाले यात्रियों को कराएंगे दूसरे तीर्थ-पर्यटन स्थलों के दर्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे यात्री भी उत्तराखंड आ रहे हैं, जिनका चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। ऐसे यात्रियों के लिए पुलिस और पर्यटन विभाग मिलकर चार धाम से इतर अन्य धार्मिक-आध्यात्मिक स्थलों के दर्शन कराने के लिए कार्ययोजना तैयार कर रहें।इन यात्रियों को चारधाम यात्रा में नंबर आने तक दूसरे तीर्थ और पर्यटक स्थल से जोड़ा जा सकता है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सूचना विभाग पिछले दो दिन से राज्य के प्रमुख तीर्थ-पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग के लिए सोशल मीडिया पर अभियान भी चला रहा है। छोटी छोटी रील्स के जरिए यात्रियों को हर तीर्थ स्थल की जानकारी दी जा रही है।
पुलिस यात्रियों से अनुशासन व सम्मान से करे व्यवहार
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को भी विशेष नसीहत की। उन्होंने कहा कि कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के साथ अनुशासन को ध्यान में रखते हुए सम्मान के साथ व्यवहार किया जाए। यात्रियों के साथ अमर्यादित व्यवहार की शिकायत किसी भी स्तर से नहीं आनी चाहिए। ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा।बाबा केदार के दर्शन को उमड़ रहे सबसे ज्यादा श्रद्धालु: केदारनाथ धाम की यात्रा पर सबसे ज्यादा भक्तजन पहुंच रहे हैं। 10 मई से शुरू हुई यात्रा में अब तक आए श्रद्धालुओं में करीब 45 फीसदी केदारनाथ धाम गए हैं।, जबकि बाकी 55 फीसदी तीर्थ यात्रियों ने बदरीनाथ धाम, गंगोत्री, यमुनोत्री धामों में दर्शन किए हैं। 15 किमी के मुश्किल पर्वतीय रास्ते पर हर-हर महादेव के नारे लगाते हुए हर दिन हजारों श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच रहे हैं। रविवार देर शाम तक चारधाम में 6,40,586 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। इनमें अकेले केदारनाथ में 2.81 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं।गंगोत्री-यमुनोत्री में व्यवस्थाओं की यात्रियों ने की तारीफ : यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की तीर्थयात्रा पर आए श्रद्धालुओं में इस बार भारी उत्साह है। निशुल्क भोजन पानी, मेडिकल सुविधा आदि मिलने पर यात्री देवभूमि में अतिथि देवो भव: की परंपरा का अहसास कर रहे हैं। सोमवार को यात्रियों ने गंगोत्री-यमुनोत्री की यात्रा के दौरान शासन प्रशासन की व्यवस्थाओं की जमकर तारीफ की।यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में क्षमता से ज्यादा तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। इससे मार्ग से लेकर धाम तक दबाव बढ़ा तो पुलिस प्रशासन ने निरंतर जुटे रहकर व्यवस्थाओं को कायम रखने के साथ ही भारी संख्या में आने वाले यात्रियों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं भी मुहैया करवाई हैं। जिससे यात्रा सुचारू और सुव्यवस्थित चल रही है।खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यमुनोत्री धाम के बड़कोट के यात्रा रूट पर उतरे और तीर्थयात्रियों से फीडबैक लिया। रिकॉर्ड संख्या में यात्रियों के पहुंचने के बावजूद शासन-प्रशासन के द्वारा किये गए इंतजामों की तीर्थयात्रियों द्वारा व्यापक सराहना की जा रही है।