अशासकीय विद्यालयों को मिले राजकीय विद्यालयों के समान सुविधा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : अशासकीय प्रधानाचार्य परिषद ने अशासकीय विद्यालयों को राजकीय विद्यालयों की तरह सुुविधाएं देने की मांग की है। कहा कि इसके लिए सरकार को योजना तैयार करनी चाहिए।
समस्या के संबंध में सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन दिया। बताया कि अशासकीय माध्यमिक में प्रबंध समितियों के गठन हेतु विद्यालय प्रशासन योजना में संशोधन का आदेश किया जाना चाहिए। परिवर्तन किया जाएं कि प्रबंध समिति के साधारण सदस्य अथवा आजीवन सदस्य विद्यालय के सेवित क्षेत्रों में अध्ययनरत छात्रा-छात्राओं के अभिभावकों में से प्रबंधन समिति के साधारण, आजीवन सदस्य हेतु अर्ह माने जाए। जिससे बाहरी क्षेत्र के लोगों का अनवाश्यक हस्ताक्षेप न हो सकें। प्रधानाचार्य को विद्यालय प्रशासन योजना एवं विनियम में विशोषाधिकार का प्राविधान रखा जाएं। जिससे प्रधानाचार्य प्रबंध समिति के शोषण एवं उत्पीडन का शिकार न हो सकें। अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में डाउनग्रेड प्रधानाचार्य की नियुक्ति के संबंध में विभाग को नियुक्ति करने हेतु निर्देशित करें। बेहतर परीक्षाफल होने के बाद भी अशासकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को सुपर सौ कार्यक्र म में प्रतिभाग करने से वंचित रखा जाता है। अशासकीय विद्यालयों के प्रांतीकरण किये जाने की स्थिति में कार्यरत तदर्थ शिक्षक एवं वर्ष 2016 के पश्चात पीटीए शिक्षकों की सेवाएं बाधित न की जाएं। इन्हें भी स्थाई शिक्षक एवं कर्मचारियों की भांति सेवा का लाभ दिया जाएं। इस मौके पर अध्यक्ष संजय सिंह रावत, जिला मंत्री दीनदयाल भारद्वाज, मनवर लाल भारती, पुष्कर सिंह नेगी आदि मौजूद रहे।