बारिश से फिर सड़कें तालाब में तब्दील
ऋषिकेश। ऋषिकेश में बुधवार को झमाझम बारिश होने से फिर से शहर की सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। सड़क पर बरसाती पानी बहने से लोग परेशान रहे, जबकि कई स्थानों पर जलभराव हो गया लेकिन बारिश होने के बाद लोगों को गर्मी से राहत मिली है। उधर, मलबा आने से नीलकंठ मोटरमार्ग करीब एक घंटे तक बाधित रहा। बुधवार को अधिकतम तापमान 31 एवं न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस रहा। बुधवार को तड़के से ही झमाझम बारिश होने लगी। सुबह करीब दस बजे तक बारिश होती रही, जिससे शहर की नालियां चोक होने से सड़कों में पानी जमा हो गया। खासकर हरिद्वार मार्ग, दूनमार्ग, पुरानी सब्जीमंडी समेत कई स्थान तालाब में तब्दील हो गये। जलजमाव होने पर नगर निगम के अधिकारियों के फोन की घंटी घनघनानी शुरू हो गई। निगम ने चौक नालियां खोलकर कई स्थानों पर जलभराव की समस्या दूर की। लेकिन कई स्थानों पर जलनिकासी की व्यवस्था न होने से सड़कें तालाब में तब्दील रही। बीते कई दिनों से बारिश न होने से लोग उमस भरी गरमी से बेहाल थे। बुधवार को बारिश होने से गरमी से काफी राहत मिली। उधर, सुबह 8 बजे नीलकंठ मोटर मार्ग मलबा आने से बाधित हो गया। करीब एक घंटे बाद मलबा हटाने पर आवाजाही सामान्य हो पाई। नीलकंठ मोटरमार्ग संकरा होने की बजह से मलबा गिरने से बाधित हो जाता है। ऐसे में कांवड़ यात्रा के दौरान दिक्कत आ सकती है। निगम के एमएनए शैलेन्द्र नेगी का कहना है कि चौक नाले नालियों को खोलने के लिये अभियान चल रहा है। लेकिन कुछ स्थानों पर कचरा फंसने से दिक्कत आ रही है। जबकि कुछ स्थानों अतिक्रमण के चलते बरसाती पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। ऐसे स्थानों से अतिक्रमण हटाया जायेगा।
गंगा का जलस्तर अभी सामान्य
बुधवार को गंगा शांत होकर बही। जलस्तर चेतावनी निशान 339.50 से दो मीटर नीचे रहा। पर्वतीय इलाके में कम बारिश होने स जलस्तर नहीं बढ़ रहा है। बीते एक सप्ताह से गंगा चेतावनी से दो मीटर नीचे ही बह रही है। आयोग के अवर अभियंता विभांशु त्रिपाठी ने बताया कि 339.50 चेतावनी निशान है। मानसून की शुरूआत से लेकर अभीतक गंगा यहां तक नहीं पहुंची है। जलस्तर पर कर्मचारी लगातार न सिर्फ निगरानी रख रहे हैं।