उत्तराखंड

बागेश्वर में भूस्खलन व मलबा आने से छह सड़कें अभी भी बंद

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बागेश्वर। जिले में सोमवार की रात वर्षा हुई। मंगलवार को सुबह देर तक बादल छाए रहे। दिन में चटक धूप से उमस बढ़ गई। वहीं, भूस्खलन के बाद मलबा गिरने से बदियाकोट-बोरबलड़ा, काफलीकमेड़ा, सूपी-झूनी, चेटाबगड़, सीरी, मुनार-गासी समेत छह ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं। लोगों को यातायात व्यवस्था नहीं मिल पा रही है। स्थानीय टैक्सी चालक भी सड़कों का खुलने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने लोडर मशीनों के जरिए सड़कों को खोलने का काम जारी रखा है। इधर, अतिवृष्टि से ठुकुरा, जैसर निवासी परूली देवी पत्नी जीत सिंह का मकान ध्वस्त हो गया है। परिवार के दो सदस्यों ने अन्यत्र शरण ली है। कुरौली गांव निवासी सुरेंद्र सिंह पुत्र बहादुर सिह का घर का आंगन ध्वस्त हो गया है। मकान को खतरा बना हुआ है। जिससे पांच लोगों के सामने संकट मंडरा रहा है। जगथाना निवासी दान सिंह पुत्र नंदन सिंह के घर का आंगन भी क्षतिग्रस्त हो गया है। मकान को खतरा बना हुआ है। परिवार के सात सदस्य प्रभावित हैं। इधर जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि बंद मार्ग खोलने का काम चल रहा है। सोमवार को 15 सड़कें बंद हो गई थी, जिसमें से नौ सड़कें खोल दी हैं।
रेडक्रॉस की टीम पहुंची राहत सामग्री लेकर
गरुड़। रेडक्रॉस सोसायटी ने ढुकुरा की आपदा पीड़ित को राहत सामग्री प्रदान की। आपदा पीड़ित ने सोसायटी के सदस्यों का आभार व्यक्त किया है।तहसील के ढुकुरा गांव निवासी परुली देवी पत्नी जीत सिंह का गत दिवस भारी वर्षा में आवासीय मकान क्षतिग्रस्त हो गया था। जिससे घरेलू सामग्री मलबे में दबकर नष्ट हो गई थी। मंगलवार को रेडक्रॉस के प्रदेश प्रतिनिधि दीपक पाठक के नेतृत्व में रेडक्रॉस की टीम ढुकुरा गांव पहुंची और आपदा पीड़ित परुली देवी को तिरपाल, बर्तन सैट व अन्य सामग्री प्रदान की। इस दौरान रेडक्रॉस के वरिष्ठ सदस्य उमेश जोशी, जगदीश खोलिया, अनिल पंत, कैलाश खुल्बे, अनिल पांडे आदि मौजूद थे।

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