जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उत्तराखंड क्रांति दल की ओर से वीर शहीद श्री देव सुमन को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान सदस्यों ने संगठन की मजबूती के लिए कार्य करने का संकल्प लिया।
शिब्बूनगर में आयोजित कार्यक्रम में सदस्यों ने श्री देव सुमन को श्रद्धांजलि अर्पित की। समाज हित में दिए गए वीर शहीद श्री देव सुमन के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस दौरान उत्तराखंड क्रांति दल की चुनौतियां और उसके समाधान विषय पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। यूकेडी के संरक्षक और मार्गदर्शन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. शक्ति शैल कपरवाण ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल की सबसे बड़ी चुनौती जनता का विश्वास हासिल करना है। इसके लिए पार्टी को लीडर, कैडर और विजन में सुधार लाना होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी चुनौतियों का समाधान के लिए कॉलेज, पंचायत और स्थानीय निकाय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर संगठनात्मक ढांचा को मजबूत करना होगा। महानगर अध्यक्ष पुष्कर सिंह रावत ने कहा कि वार्ड स्तर पर संगठन शक्ति को बढ़ाना होगा, तभी हम जनता के समक्ष चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं। कार्यकारी अध्यक्ष महेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड क्रांति दल के योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल के योगदान के बल पर 1994 का जन आंदोलन हुआ जिसकी परिणीति उत्तराखंड राज्य निर्माण में हुई। कार्यक्रम का संचालन करते हुए केंद्रीय महामंत्री सत्य प्रकाश भारद्वाज ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार पहाड़ विरोधी नीतियों को समाप्त करें और पहाड़ की जनता की भावनाओं के रूप नीतियों को बनाए। यूकेडी के वरिष्ठ नेता और राज्य आंदोलनकारी पितृ शरण जोशी ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल को वैचारिक लड़ाई जमीन पर करनी चाहिए और जन समस्याओं का निराकरण करना होगा। केंद्रीय उपाध्यक्ष जगदीपक सिंह रावत ने कहा कि भाबर क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता से राज्य सरकार को करना चाहिए। बौद्धिक प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवेश चंद्र नवानी ने केंद्र सरकार से मांग की कि जल जंगल जमीन का अधिकार जनता को सौंपने के लिए सरकार को वन और वन्य जीव कानून में परिवर्तन करना चाहिए। राजेंद्र प्रसाद पंत ने कहा कि मानव विकास और पर्यावरण में संतुलन करके ही पहाड़ी क्षेत्र में मौलिक विकास हो सकता है। मुकेश बड़थ्वाल ने ग्रामीण क्षेत्र की विकास की उपेक्षा का आरोप सरकार पर लगाया और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर खोलने की मांग की। इस मौके पर सत्यपाल नेगी, रामचंद्र जुयाल, संजय नवानी, ओमप्रकाश घनसेला, भारत मोहन काला, रामचंद्र सिंह नेगी, गुलाब सिंह रावत, हयात सिंह गोसाई, विनोद चौधरी, सतपाल नेगी, कमलेश कुकरेती, मेहरबान सिंह नेगी, जसपाल रावत, दीपक चंद्र, गिरीश चंद्र घनशाला आदि मौजूद रहे। संगोष्ठी की अध्यक्षता पुष्कर सिंह रावत और संचालन सत्य प्रकाश भारद्वाज ने किया।