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सहसपुर में पटाखों की बंद फैक्ट्री में लगी आग

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विकासनगर। सहसपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत मानसिक अस्पताल से करीब एक किमी दूर सारना नदी के किनारे स्थित बंद पड़ी एक पटाखों की फैक्ट्री में अचानक आग लग गयी। पटाखों की फैक्ट्री में लगी आग से फैक्ट्री के अंदर रखे पटाखों और बारूद में आग लगने से धमाकों की जबरदस्त गूंज सुनाई देने लगी। आसपास के लोगों ने दमकल विभाग को सूचना दी। मौके पर पहुंची दमकल विभाग और पुलिस की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। शनिवार सुबह करीब आठ बजे शंकरपुर में सारना नदी किनारे स्थित पटाखों की एक बंद पड़ी कंपनी में अचानक आग लग गयी। स्थानीय लोगों की सूचना पर एफएसओ सुनील तिवारी के नेतृत्व में दमकल विभाग की टीम व सहसपुर थानाध्यक्ष नरेंद्र गहलावत मय फोर्स मौके पर पहुंचे। करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जिसके बाद फैक्ट्री के अंदर रखी मशीने और अन्य सामान को बचाया जा सका है। एफएसओ सुनील तिवारी ने बताया कि आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। बताया कि कंपनी में बिजली का कनेक्सन कटा हुआ है। कंपनी पूरी तरह से बंद व सील थी। ऐसे में आग कैसे लगी इसका पता नहीं चल पा रहा है। बताया कि आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया। नुकसान का आकलन भी नहीं हो पाया। मौके पर कोई मालिक नहीं मिला। कंपनी में कितना सामान था इसकी कोई जानकारी नहीं हो पा रही है।
एक वर्ष से सील है कंपनी
सारना नदी के किनारे शंकरपुर गांव के समीप पटाखें बनाने की कंपनी में पहले भी चार वर्ष पहले आग लगी थी। तब कंपनी को भारी नुकसान हुआ था। वर्ष 2019 में सहसपुर पुलिस को पता चला कि कंपनी पूरी तरह से फर्जी है। जिसका कंपनी ऐक्ट के अंतर्गत कहीं कोई पंजीकरण नहीं है और बिना दस्तावेजों के कंपनी को चोरी छिपे चलाया जा रहा है। जिस पर सहसपुर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। साथ ही कंपनी को पूरी तरह से सील कर दिया था। जिसके बाद से कंपनी बंद पड़ी है। कंपनी की ओर से कोई भी मालिक अथवा संचालक आदि सामने नहीं आ रहा है। जिससे कंपनी बंद पड़ी है। एसओ सहसपुर नरेंद्र गहलावत का कहना है कि अब तक इस मामले में कोई सामने नहीं आया है। कहा कि कंपनी फर्जी दस्तावेजों पर चलायी जा रही थी। जिसे एक वर्ष पहले पुलिस ने सीज कर दिया था।
लाखों का सामान जलने की आशंका
पुलिस व दमकल विभाग आग लगने से हुए नुकसान के बारे में हालांकि कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं। दोनों का कहना है कंपनी में कितना सामान था कितना जला इसका कोई अनुमान नहीं है। लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार कंपनी में लाखों की मशीने व सामान रखा था। बारुद व पटाखे ही काफी कीमत के थे जो जलकर राख हो गये।

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