माफी मांगे कंगना रनोत, एसजीपीसी ने भेजा नोटिस, भडक़े किसान
अमृतसर , हिमाचल के मंडी से भाजपा सांसद व बालीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। किसान आंदोलन को लेकर दिए गए बयान को लेकर किसान भडक़ गए है। उन्होंने कंगना को माफी मांगने के लिए कहा है। वहीं दूसरी तरफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी फिल्म इमरजेंसी के लिए कंगना रनोट और फिल्म के निर्माता को नोटिस भेज दिया है।
माफी मांगे कंगना
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है- मैं शंभू बॉर्डर से बोल रहा हूं। भाजपा पार्टी ने नेशनल लेवल पर कंगना रनोट के बयान पर किनारा कर लिया है। लेकिन, कंगना रनोट भाजपा की एमपी है, उस पर अनुशासनिक कार्रवाई होनी चाहिए। अगर भाजपा ये मानती है कि ये बयान उचित नहीं है, गलत दिया गया बयान है। तो उन्हें कंगना रनोट पर अनुशासनिक कार्रवाई करनी चाहिए। उन्हें बोलना चाहिए कि कंगना रनोट इस बयान पर खुद माफी मांगे और कंगना रनोट को खुद माफी मांगनी चाहिए।
एसजीपीसी ने इमरजेंसी फिल्म के निर्माताओं को भेजा कानूनी नोटिस
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने मंगलवार को सिखों के चरित्र और इतिहास को गलत तरीके से पेश करने वाली कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ फिल्म के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजकर सिख विरोधी भावनाओं को पेश करने वाले आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने को कहा है।
एसजीपीसी के कानूनी सलाहकार एडवोकेट अमनबीर सिंह सियाली द्वारा भेजे गये नोटिस
में कंगना रनौत समेत फिल्म के निर्माताओं से कहा गया है कि वे 14 अगस्त 2024 को रिलीज होने वाले ट्रेलर को सार्वजनिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा दें और सिख समुदाय से लिखित माफी मांगें। एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने बताया कि जैसे ही कंगना रनौत की इमरजेंसी फिल्म का मामला संज्ञान में आया, सिख संस्था एसजीपीसी ने सिख भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हुये इसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि इस फिल्म पर कड़ी आपत्ति जताते हुए केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव तथा केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी को इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिये अलग-अलग पत्र लिखे गये हैं। श्री सिंह ने कहा कि एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के निर्देशानुसार कंगना रनौत सहित इस फिल्म के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद कई सिख विरोधी दृश्य सामने आये हैं, जिससे सिख समुदाय की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है। फिल्म में जून 1984 के नरसंहार के शहीद जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले सहित सिखों के चरित्र को दर्शाकर सिखों को आतंकवादी और अलगाववादी दिखाने का प्रयास किया गया है, जो अस्वीकार्य और सच्चाई से कोसों दूर है।
उन्होंने कहा कि इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद से सिख समुदाय में भारी रोष है, जिसके चलते एसजीपीसी द्वारा कानूनी कार्रवाई शुरू की गयी है। उन्होंने कहा कि अगर कंगना रनौत और फिल्म निर्माताओं द्वारा फिल्म से आपत्तिजनक सिख विरोधी दृश्यों को नहीं हटाया गया तो उनके खिलाफ हर स्तर पर कड़ा विरोध करने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी।